महिलाओं की सुरक्षा करेगा ‘निर्भया दस्ता’, मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने दिए दस्ते के गठन के आदेश

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    मुंबई. साकीनाका (Sakinaka) में महिला से रेप (Rape) और हत्या (Murder) के बाद से ही मुंबई (Mumbai) में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले (Mumbai Police Commissioner Hemant Nagrale) ने महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए शहर के हर पुलिस स्टेशनों में ‘निर्भया दस्ता’ (Nirbhaya Squad) गठन करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन को इस तरह की वारदात दोबारा होने से रोकने के निर्देश दिए हैं।

    साकीनाका की वारदात से मुंबई पुलिस सकते में है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। अब मुंबई के हर पुलिस स्टेशनों में महिला सुरक्षा दस्ता बनाया जाएगा। मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने इस दस्ते का नाम ‘निर्भया दस्ता’ रखने का निर्देश दिया है। इसके अलावा नगराले ने यह भी सुझाव दिया है कि हर पुलिस स्टेशन में गश्ती दल को ‘निर्भया दस्ता’ बुलाया जाएगा। निर्भया दस्ते में पुलिस उप निरीक्षक या सहायक पुलिस निरीक्षक रैंक का एक अधिकारी, एक महिला पुलिसकर्मी और ड्राइवर समेत 4 पुलिसकर्मी शामिल होंगे।

    ‘महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ’ के गठन का भी निर्देश

    सभी पुलिस स्टेशनों में ‘महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ’ के गठन का भी आदेश जारी किया गया है। पुलिस स्टेशनों में तैनात मोबाइल वैन में से एक मोबाइल वैन ‘निर्भया दस्ता’ के लिए होगी। मुंबई के सभी 5 प्रादेशिक विभाग में एक महिला एसीपी या महिला पुलिस निरीक्षक स्तर की अधिकारी को ‘निर्भया दस्ता’ का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

    नोडल अधिकारी करेंगे जांच

    निर्भया दस्ते के लिए प्रत्येक स्टेशन में एक विशेष डायरी रखी जाएगी, जिसमें हर विवरण अलग से मौजूद रहेगा और समय-समय पर नोडल अधिकारी जांच करेंगे। निर्भया दस्ते के लिए तैनात होने वाले पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पहले दो दिनों के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह इन मामलों से निपटने के लिए दक्ष हो सकेंगे। निर्भया दस्ते में तैनात पुलिसकर्मियों को बालगृह, अनाथालय या महिला हॉस्टल के आस-पास गश्त के दौरान गोपनीय जानकारी एकत्र करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    रात में महिला यात्रियों की पुलिस करेगी मदद

    प्रत्येक पुलिस स्टेशन के भीतर उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं अधिक दर्ज होती हैं। अगर कोई लड़की रात में यात्रा कर रही है और वह मदद मांगती है, तो पुलिस उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में मदद की जाएगी।

    महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोपियों का रखा जाएगा रिकार्ड  

    यदि कोई वृद्ध महिला किसी स्टेशन के आस-पास अकेली रहती है, तो गश्त दल के सदस्य उसकी हालचाल लेने के लिए मुलाकात करेंगे। पिछले 5 वर्षों में महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की सूची तैयार की जाएगी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों को अपने-अपने क्षेत्रों में परामर्श शिविर लगाने का निर्देश दिया गया है। उस स्थान पर पीड़ित महिला और बाल पीड़िता को मनोचिकित्सक के परामर्श दिए जाएंगा।

    हेल्पलाइन नंबर 103 से महिलाओं की सुरक्षा

    अतिरिक्त आयुक्तों को कार्य पर चर्चा के लिए प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में निर्भया दस्ते के अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। 103 नंबर का उपयोग महिला सुरक्षा हेल्पलाइन के लिए किया जाता है। इसे ज्यादा से ज्यादा आम लोगों तक पहुंचाना चाहिए।