Night curfew in Bahraich in Uttar Pradesh from today due to increasing cases of corona virus
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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) समेत महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) के मामले कम नहीं हुए हैं, लेकिन इस वजह से होने वाली मौत के आंकड़ें कम दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार (State Government) अब लोगों पर ज्यादा सख्ती (Strictness) लादने के मूड में नहीं है। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) हुई। 

    सूत्रों के मुताबिक़, ज्यादातर मंत्रियों की राय यह है कि लोगों की रोजी-रोटी का ध्यान रखते हुए अब प्रतिबंधों को और ज्यादा सख्त करने की जरुरत नहीं है। कोरोना की इस तीसरी लहर में लोगों में संक्रमण की गति तेज हैं, लेकिन राहत की बात है कि उसी तेजी से लोग ठीक भी हो रहे हैं। ऐसे में मंत्रियों को मानना है कि राज्य के आर्थिक चक्र को जारी रखने के लिए अब और ज्यादा पाबंदियों को थोपना उचित नहीं होगा। वर्तमान में सरकार ने रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा की है। इसके अलावा सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय को 15 फ़रवरी तक बंद रखने का फैसला किया है। 

    अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की खपत का आंकड़ा नियंत्रण में

    वहीं, सभी सरकारी कार्यालय, निगम, राज्य कार्यालय के अलावा सभी निजी कार्यालय में भी 50% उपस्थिति के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इन पाबंदियों के बावजूद कोरोना संक्रमण के मामलों में उतनी कमी नहीं आई है, जिसकी अपेक्षा सरकार कर रही थी। लेकिन अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की खपत का आंकड़ा नियंत्रण में है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि बेवजह पाबंदियो को और कड़ा करने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि सरकार ने वर्तमान में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश दिए हैं। लोगों को बेवजह की भीड़ से बचने की सलाह दी गई है। हालांकि सरकारी आदेश के बावजूद कई जगहों पर कोरोना नियमों का सही ढ़ंग से पालन नहीं किया जा रहा है।   

    स्कूलों को फिर से खोलने की तैयारी: बच्चू कडू

    राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने 15 फ़रवरी तक स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय को बंद रखने का फैसला किया है। हालांकि स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री  बच्चू कडू ने कहा है कि इस वजह से बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है। एक मराठी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कडू ने कहा कि विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे। कडू ने कहा कि स्कूलों पर निर्णय लेने का अधिकार स्थानीय प्रशासन को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों की सहमति से स्कूल को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव जल्द ही राज्य के मुख्य सचिव को भेजा जाएगा।