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    मुंबई: बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi Government) पर बड़े घोटाले (Scam) का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य की सरकार को “ठग्स ऑफ महाराष्ट्र” बताते हुए कहा कि बांद्रा (प.) बैंड स्टैंड इलाके में ताज होटल से सटे एक सरकारी स्वामित्व वाले भूखंड में  3,000 करोड़ रुपए का जमीन घोटाला (Land Scam) किया गया है।  

    बीजेपी नेता और विधायक आशीष शेलार ने मुंबई भाजपा कार्यालय में मंगलवार को सुबह आयोजित पत्रकार परिषद में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पॉश इलाके को एसआरए योजना दिखाकर एफएसआई का खैरात और अन्य लाभ बिल्डर को दिया जाना है।  

    घोटाले पर राज्य सरकार ने दी थी सफाई

    शेलार ने इसके पहले 5 मई को मुंबई भाजपा कार्यालय में पत्रकार परिषद आयोजित कर इसी जमीन के घोटाले का पर्दाफाश किया था। तब उन्होंने इसे एक हजार करोड़ का भूखंड घोटाला बताया था। शेलार के आरोप के बाद सरकार की तरफ से सफाई दी गई थी और किसी भी तरह के घोटाले से इंकार किया गया था।

     सरकार ने जमीन को बेचने के लिए सभी तरह की अनुमति दे दी 

    मंगलवार को सुबह आयोजित पत्रकार परिषद में शेलार ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बांद्रा पश्चिम में ताज होटल से सटे 1 एकड़ 5 गुंठे के भूखंड को एक ट्रस्ट को वर्ष 1905 से पट्टे पर दिया गया है। ट्रस्ट को बीमार मरीजों के इलाज के लिए आश्रय स्थान बनाना था। ट्रस्ट ने मूल उद्देश्य के लिए इस जगह का इस्तेमाल नहीं किया। जमीन की लीज 1980 में खत्म हो गई थी।  2020 में जमीन की बिक्री के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया था, जबकि सरकार ट्रस्ट के लीज समझौते की समाप्ति के कारण जमीन पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरु की थी।  2022 तक सरकार ने इस जमीन को बेचने के लिए सभी तरह की अनुमति दे दी और जमीन बिल्डर रुस्तमजी को भूखंड सौंप दिया गया है।  

    शेलार ने किया ये बड़ा खुलासा

    शेलार ने इस संबंध में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि सरकार ने इस खाली जमीन पर एसआरए योजना लागू करने की अनुमति दी है, जिसमें दिखाया गया है कि बिल्डर इस जमीन पर 168 स्थायी ट्रांजिट कैंप हाउस बनाएगा। परिणामस्वरूप विकासकर्ता को ट्रांजिशन कैंप के नाम से एसआरए योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि प्लॉट को खाली प्लॉट के रूप में विकसित किया जाता है, तो डेवलपर को बिक्री के लिए 1 लाख 90 हजार वर्ग फुट का क्षेत्र मिलता, लेकिन यदि इस जमीन पर एसआरए दिखाकर 33 (11) के तहत विकास किया जाता है, तो डेवलपर को बिक्री के लिए 3 लाख वर्ग फुट का एक बड़ा क्षेत्र मिलेगा। अगर इस प्लॉट को खाली प्लॉट के रूप में विकसित किया गया होता तो 2 एफएसआई मिल जाते, लेकिन अब 4 एफएसआई बिल्डर को दिए जाएंगे जैसा कि एसआरए स्कीम में दिखाया गया है। इस जमीन पर 42 मंजिला टॉवर खड़ा किया जाएगा। शेलार ने आरोप लगाया है कि इस मामले में चैरिटी कमिश्नर, एसआरए, उपनगरीय जिला कलेक्टर कार्यालय, मुंबई महानगरपालिका शामिल है। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।