मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के जिन शहरों में नगर सर्वेक्षण हो चुका है, वहां भू-अभिलेख विभाग (Land Records Department) ने सातबारा (Satbara) उतारा को बंद कर केवल प्रॉपर्टी कार्ड रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभाग ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की मदद से एक कंप्यूटर सिस्टम विकसित किया है, लेकिन यह फैसला सिर्फ बढ़ते शहरों के लिए है।
बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए भूमि अभिलेख विभाग ने सातबारा उतारा को बंद करने का निर्णय लिया है, जहां शहर में कृषि योग्य भूमि नहीं बची है।
जमीनों की धोखाधड़ी पर रोक लगेगी
भूमि अभिलेख विभाग का कहना है कि इस फैसले से पुणे और राज्य के अन्य शहरों में जमीन की खरीद-बिक्री में होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। विभाग से प्रायोगिक आधार पर पुणे जिले के हवेली तालुका में इस प्रणाली का उपयोग करके जानकारी एकत्र की जाएगी।
घोटालों को रोका जा सकेगा
राज्य बंदोबस्त आयुक्त निरंजन सुधांशु ने जानकारी दी है कि इस परियोजना की सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत इलाकों में जमीन खरीदने में सातबारा उतारा दस्तावेज काफी अहम होता है। राजस्व विभाग इसके जरिए हर जिले की भूमि का रिकॉर्ड रखता है। किसी भी प्लाट को खरीदने के लिए इस दस्तावेज की मांग की जाती है। ऐसे में कई घोटालेबाज इस दस्तावेज की फर्जी कॉपी हासिल कर अपने कारनामों को अंजाम देते हैं। इसकी जगह प्रॉपर्टी कार्ड लागू करने से इन घोटालों को रोका जा सकेगा।