bombay high court
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    मुंबई: मुंबई महानगरपालिका (Mumbai Municipal Corporation) में नगरसेवकों (Corporators) की संख्या बढ़ कर 236 हो जाएगी। महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसले पर मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court)की मुहर लग गयी है। सरकार ने नगरसेवकों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने का निर्णय लिया था। जिसके खिलाफ भाजपा (BJP) के नगरसेवकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। 

    मुंबई महानगरपालिका का कार्यकाल डेढ़ माह बाद फरवरी में समाप्त हो रहा है। मुंबई सहित राज्य की अन्य महानगरपालिकाओं में नगरसेवकों की संख्या बढ़ाने का निर्णय सरकार ने लिया था। मुंबई महानगरपालिका में नगरसेवकों की संख्या फ़िलहाल 227 है।  इस संख्या को 236 करने का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। जिसके खिलाफ भाजपा की नगरसेविका राजेश्री शिरवाडकर और नगरसेवक अभिजीत सामंत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

    भाजपा की याचिका खारिज

     सरकार की तरफ से दलील दी गयी कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, मुंबई की जनसंख्या में 3।87 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उसके बाद भी  वर्ष 2017 के चुनावों में वार्डों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई, लेकिन पिछले दस वर्षों में मुंबई की जनसंख्या में वृद्धि को देखते हुए वार्डों की संख्या में  वृद्धि करना आवश्यक है। विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में इस संदर्भ में विधेयक को मंजूरी दी गयी थी। सुनवाई के बाद अदालत ने शिरवाडकर एवं सामंत की याचिका खारिज कर दी।

    ओबीसी आरक्षण नहीं 

    राज्य चुनाव आयोग ने अदालत से कहा है कि इस चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन किया जाएगा। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह चुनाव वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार  ही कराया जाएगा।