JNPT Mangrove Land

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) में एमएमआरडीए (MMRDA)और जेएनपीटी (JNPT) के अधिकार क्षेत्र में आने वाली एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा मैंग्रोव भूमि (Mangrove Land) वन विभाग (Forest Department) को ट्रांसफर की जाएगी। ऐसा निर्णय पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है। उल्लेखनीय है कि मैंग्रोव लैंड को रिजर्व फारेस्ट के रूप में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया सरकार ने शुरू की है।

    बताया गया कि मुंबई में 5,800 हेक्टेयर मैंग्रोव क्षेत्र है। इनमें  सरकारी स्वामित्व वाली भूमि पर 4,000 हेक्टेयर और निजी क्षेत्रों में 1,800 हेक्टेयर भूमि है। वैसे राज्य भर में, 13,000 हेक्टेयर मैंग्रोव कवर है। देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट जेएनपीटी अपने अधिकार क्षेत्र के तहत 815 हेक्टेयर और एमएमआरडीए 199 हेक्टेयर मैंग्रोव भूमि को रिजर्व फारेस्ट घोषित करने के लिए 15 दिनों के भीतर वन विभाग को हस्तांतरित करेगा।

    आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर दी जानकारी

    राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने एमएमआरडीए, जेएनपीटी, सिडको और राज्य के वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि समीक्षा बैठक में जेएनपीटी और एमएमआरडीए की 1014  हेक्टेयर भूमि सौंपने पर सहमति हो गई है।

    मैंग्रोव का सरंक्षण

    बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मैंग्रोव के संरक्षण के लिए मैंग्रोव सेल का गठन हुआ है। राज्य में सभी मैंग्रोव को संरक्षित या आरक्षित वन घोषित किया जाना है। भारतीय वन अधिनियम के संरक्षण के तहत 11,000 हेक्टेयर से अधिक मैंग्रोव भूमि थी।वन और पर्यावरण विभाग के समन्वय से मैंग्रोव सेल ने भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 20 के तहत 9,800 हेक्टेयर मैंग्रोव क्षेत्र को अधिसूचित किया है। सभी मैंग्रोव भूमि का स्वामित्व एमएमआरडीए, एमटीडीसी और नगर निगमों सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों के पास था।

    हस्तांतरण की धीमी प्रक्रिया

    2005 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहली बार मैंग्रोव को संरक्षित वन घोषित किया था। हालांकि, वन विभाग को मैंग्रोव भूमि (विभिन्न सरकारी एजेंसियों के तहत) के हस्तांतरण की प्रक्रिया बेहद धीमी रही है। अगस्त 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेएनपीटी, सिडको, एमएमआरडीए, कोंकण क्षेत्र के मंडल आयुक्त और वसई-विरार महानगरपालिका सहित विभिन्न अधिकारियों को राज्य वन विभाग को मैंग्रोव भूमि सौंपने के बारे में एक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इस प्रक्रिया में तेजी लाने का काम ठाकरे सरकार कर रही है।