Panvel-Karjat Local Corridor

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    मुंबई: एमएमआर (MMR) में यातायात संसाधनों की आवश्यकता को देखते हुए मेट्रो के साथ लोकल कॉरिडोर के विस्तार का कार्य तेजी से हो रहा है। खारकोपर से उरण के बीच मध्य रेलवे (Central Railway) के चौथे लोकल कॉरिडोर (Local Train Corridor) का काम हो रहा है, वहीं एमआरवीसी (MRVC) के माध्यम से पनवेल-कर्जत लोकल कॉरिडोर (Panvel-Karjat Local Train Corridor) का काम धरातल पर दिखने लगा है। इस प्रोजेक्ट के तहत रेल फ्लाईओवर, आरओबी, पुणे एक्सप्रेस-वे आरयूबी और सुरंगों का काम शुरू है।

    29.6 किमी का यह लोकल रेल कॉरिडोर एमयूटीपी-3 के तहत निर्माणाधीन है। यह पनवेल कर्जत के बीच नया उपनगरीय रेलवे कॉरिडोर (डबल लाइन) का होगा। वैसे पनवेल से कर्जत सिंगल ट्रैक है, जिसका उपयोग लंबी दूरी की ट्रेनों और मालगाड़ी के लिए होता है। फ़िलहाल सीधे कर्जत जाने के लिए लोकल यात्रियों को मेन लाइन के कल्याण से होकर जाना होता है। सड़क मार्ग से जाने के लिए काफी समय लगता है।

    इतनी जमीन का अधिग्रहण हो गया

    परियोजना के लिए पनवेल, खालापुर और कर्जत तालुका के 24 गांवों में कुल 56.4 हेक्टेयर निजी भूमि, जबकि 4.4 हेक्टेयर सरकारी और 9.18 हेक्टेयर वन जमीन लग रही है। आवश्यक सभी गांवों का संयुक्त माप पूरा किया गया। 42.55 हेक्टेयर निजी भूमि और बाकी सरकारी जमीन का अधिग्रहण हो गया है।

     5 लोकल स्टेशन होंगे

    पनवेल-कर्जत सवर्बन कॉरिडोर के बीच पनवेल, चिखले, मोहोपे, चौक और कर्जत ये पांच स्टेशन होंगे। कॉरिडोर पर छोटे बड़े 68 ब्रिज बनेंगे। एमआरवीसी के अनुसार, 2 फ्लाईओवर, 8 बड़े और 36 छोटे ब्रिज, 15 आरयूबी, 7 आरओबी और 3 टनेल बनाए जाएंगे। 5 स्टेशनों ( मोहोपे, चौक, कर्जत, चिखले और पनवेल स्टेशन) के सभी ईएसपी को मंजूरी दे दी गई है।

    बचेगा काफी समय

    पनवेल से कर्जत नए सवर्बन कॉरिडोर बनने से मुंबई और कर्जत के बीच लोकल यात्रा क़रीब 30 से 35 मिनिट का समय बचेगा। इसके अलावा 5वें उपनगरीय कॉरिडोर पर तेजी से विकास होगा। पनवेल से कर्जत सीधी लोकल सेवा शुरू होने पर लाखों लोगों को इसका लाभ होगा।

    तीन तालुकों से गुजरेगा लोकल कॉरिडोर

    यह लोकल कॉरिडोर एमएमआर के पनवेल, खालापुर और कर्जत इन तीन तालुकों से होकर गुजरेगा। एमआरवीसी के मुख्य प्रवक्ता सुनील उदासी के अनुसार, प्रोजेक्ट का 15 प्रतिशत काम हो चुका है। वित्तीय प्रगति 34 प्रतिशत हो गई है। इस कॉरिडोर को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए 2,782 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। सभी प्रोजेक्ट शीट्स, रेल फ्लाईओवर और 3 सुरंगों सहित अन्य कार्यों को सेंट्रल रेलवे द्वारा अनुमोदित किया गया है। अर्थवर्क, माइनर और मेजर ब्रिज का काम प्रगति पर हैं।