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    मुंबई: यूं तो कई एक्सपर्ट्स ने कोरोना (Corona) की चौथी लहर (Fourth Wave) की किसी भी संभावना से इनकार किया है फिर भी बीएमसी (BMC) इस बाबत कोई चांस लेना नहीं चाहती है। इसके लिए देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) खत्म होने के बाद बीएमसी ने मुंबई में चौथी लहर (Fourth Wave) से निपटने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 

    बीएमसी प्रशासन ने संभावित लहर से निपटने के लिए टास्क फोर्स (Task Force) से मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया है और पूछा है कि अगर चौथी लहर आती है तो कब आएगी, कैसे आएगी और कब पीक पर होगी। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि कानपुर आईआईटी ने देश में जून में कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका व्यक्त की है, जिसमें 22 जून से 22 अक्टूबर के बीच चौथी लहर आने की चेतावनी दी गई है।

    अगस्त में सबसे ज्यादा मरीज

    यह भी कहा गया है कि 15 अगस्त से 31 अगस्त के बीच सबसे ज्यादा कोरोना मरीज सामने आएंगे और उसके बाद चौथी लहर समाप्त हो जाएगी। इसके मद्देनजर चौथी लहर से निपटने के लिए टास्क फोर्स से संपर्क किया गया है। फिलहाल, मुंबई में प्रतिदिन 100 के लगभग कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं। इसलिए कई जंबो सेंटर को बंद कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में यदि टास्क फोर्स इस संदर्भ में मार्गदर्शन करेगा तो कोरोना संक्रमण को रोकने में आसानी होगी। गौरतलब है कि मुंबई में मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था। उसके बाद कोराना की भयावह स्थिति को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया था। मुंबई इस दौरान लगभग दो साल में कोरोना की तीन लहर का सामना कर चुकी है। कोरोना से निपटने का मुंबई मॉडल पूरे देश में प्रसिद्ध हुआ।

    मुंबई में डेल्टा गायब

    इस बीच, बीएमसी ने अपने अध्ययन में पाया है कि मुंबई से डेल्टा संस्करण का खात्मा हो गया है। कस्तूरबा अस्पताल में बीएमसी की जीनोमिक्स प्रयोगशाला की प्रमुख डॉ. जयंती शास्त्री ने कहा कि मुंबई से डेल्टा का सफाया हो गया है। दिसंबर 2021 के बाद से हर बाद के जीन सिक्वेन्सिंग से पता चला कि सैंपल में ओमीक्रोन 8% से बढ़कर 100% हो गया, जबकि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, पुणे के इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. विनीता बल ने कहा कि हो सकता है डेल्टा की मौजूदगी न हो, इसका मतलब यह नहीं कि देश भर से डेल्टा चला गया है। हमें याद रखना है कि हर जगह जीनोम अनुक्रमण नहीं किया जाता है।

    ओमीक्रोन के पांच फीसदी मरीज ही अस्पताल में भर्ती

    मुंबई में पूर्ण टीकाकरण कराने के बाद कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की चपेट में आए पांच प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई। बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रोन के ऐसे 17 प्रतिशत मरीज थे, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीकों की एक ही खुराक ली थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। जीनोम सिक्वेन्सिंग की 10 वीं दौर की जांच में 376 लोगों के नमूनों में से 237ओमीक्रोन से संक्रमित पाए गए। ये सभी नमूने मुंबई के लोगों के थे। 

    बीएमसी कोविड की एक और लहर को संभालने के लिए तैयार हैं। हम किसी तरह की कोताही नहीं बरत सकते।

    -सुरेश काकानी, अतिरिक्त आयुक्त, BMC