Around 1200 to 2000 people from Maharashtra are trapped in Ukraine, Ajit Pawar said - working with the Center to bring everyone back safely
File Photo:ANI

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) समेत महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार वीकेंड (Weekend) पर लॉकडाउन (Lockdown) लगाने का फैसला कर सकती है। बुधवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने राज्य में कोरोना वायरस (Corona Virus) की मौजूदा स्थिति को लेकर कोविड टास्क फोर्स (Covid Task Force) के साथ ख़ास बैठक की। 

    सूत्रों के मुताबिक़, इस बैठक में फिलहाल वीकेंड लॉकडाउन लगाने के बारे में सहमति बन पाई है। इसके अलावा सख्त प्रतिबंधों के तौर पर सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थलों को बंद रखने पर अहम फैसला लिया जा सकता है। लोकल ट्रेन में भीड़ को कम करने के लिए दिल्ली सरकार की तर्ज पर गैर आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी जा सकती है। इस बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करने के बाद इसका आधिकारिक रूप से ऐलान किया जाएगा।

    चुनौती से निपटने के लिए रहें तैयार

    अजित पवार पवार ने कहा कि जैसा कि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राज्य में कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से बढ़ेगा, ऐसे में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस चुनौती से निपटने रहने के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके अलावा सभी विभागों को आपस में मिल कर समन्वय से काम करने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कोविड टास्क फोर्स की टीम के साथ हुई मीटिंग में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की खपत और उत्पादन के अलावा आइसोलेशन की सुविधाओं पर भी चर्चा की। इस बैठक में पवार के अलावा स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती, जन स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास और कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. संजय ओक समेत कई अधिकारी और डॉक्टर मौजूद रहे।

    मीटिंग में इन प्रमुख बातों पर जोर

    • कोरोना मामलों से निपटने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर
    • टेस्ट की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए
    • हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों का जानकारों की निगरानी में  घर में इलाज
    • गंभीर मरीजों के लिए कोविड हेल्थ सेंटर और कोविड अस्पतालों की स्थापना
    • उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की सुचारू आपूर्ति
    • स्वास्थ्य प्रणाली में आवश्यक जनशक्ति की समीक्षा