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    मुंबई: किसान आत्महत्या (Farmer Suicides) रोकने और जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए ‘डॉ. पंजाबराव देशमुख जैविक जन आंदोलन (मिशन) का स्वरूप देने का प्रयास करने का आश्वासन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती और डिजिटल खेती पर आयोजित कार्यशाला में दिया। नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला मैं मुख्यमंत्री शिंदे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में करीब 5.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्रमाणित जैविक खेती की जाती है। आदिवासी क्षेत्र सहित राज्य का 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्राकृतिक खेती के अधीन है और केंद्र की कृषि विकास योजना और भारतीय प्राकृतिक कृषि प्रणाली योजना के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

     छोटे किसानों को फायदा होगा

    सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य में रासायनिक दवाओं और उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए विज्ञान आधारित जैविक खेती के प्रयास चल रहे हैं। सीएम ने कहा कि रासायनिक खाद और दवा के बिना भूमि संरक्षण करने के लिए राज्य सरकार प्राकृतिक खेती के तरीकों का इस्तेमाल बढ़ाने की अपील किसानों से करती है। इससे लागत कम होगी और अधिक लाभदायक खेती होने में मदद के साथ छोटे किसानों को फायदा होगा।

     मास्टर ट्रेनर कार्यक्रम शुरू करेंगे

    मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 1,628 किसान गुटों के 61 हजार किसानों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को वाजिब कीमत पर प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रमाणित करने के लिए राज्य सरकार की स्वतंत्र प्रमाणन संस्था की स्थापना की जा रही है। शिंदे  ने कहा कि डॉ. पंजाबराव देशमुख जैविक खेती अभियान महाराष्ट्र में स्थापित किया गया है और इसके माध्यम से राज्य के किसान आत्महत्या ग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। प्राकृतिक और डिजिटल खेती के संदर्भ में प्रशिक्षण की आवश्यकता है इसके लिए मास्टर्स ट्रेनर कार्यक्रम राज्य मैं शुरू किया जाएगा।