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    -अनिल चौहान

    भायंदर: खुद के प्रचार के लिए जनप्रतिनिधि (Public Representatives) जनता के पैसों का जमकर दुरुपयोग कर रहें हैं। पब्लिसिटी (Publicity) और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा (Political Competition) में आगे निकलने के चक्कर में एक ही जगह पर 5-5,6-6 साइन बोर्ड (Sign Boards) लगा दिए हैं, जबकि जरुरत एक की ही थी।

    मीरा-भायंदर महानगरपालिका चुनाव की तैयारियां शुरू हैं। आखिरी वक्त में जनप्रतिनिधि ऐसे विकास कार्यों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, जिससे उन्हें ज्यादा पैसा और पब्लिसिटी दोनों मिल जाए। इनमें सबसे फायदेमंद है इमारतों, चौक,सड़कों का नाम ज्ञात कराने वाले साइन बोर्ड का लगाना।

    सभी बोर्ड पर एक ही इमारतों के नाम

    प्रभाग-12 में इंद्रलोक, रामदेव पार्क, आयडियल पार्क, मॉर्डन गोल्डन नेस्ट के चौक-चौराहों पर एक-एक जगह पर 5-5, 6-6 साइन बोर्ड लगे दिख जाएंगे। सभी पर एक ही इमारत, मार्ग, चौक के नाम हैं, जबकि नगरसेवकों का अलग-अलग नाम अंकित हैं। पूर्व महापौर डिम्पल मेहता, शिवसेना के जयंतीलाल पाटिल और प्रभाग समिति सदस्या ललिता दलवी की नगरसेवक निधि से बोर्ड लगाए गए हैं। इससे पहले सेल्टर बस स्टॉप्स लगाने की होड़ मची थी।

    पैसों की बर्बादी की जिम्मेदार MBMC

    पूर्व महापौर डिंपल मेहता ने कहा कि एक जगह पर कई बोर्ड लगाना गलत और फिजूलखर्ची है और जनता के पैसों की खुली बर्बादी है। इसकी जिम्मेदार महानगरपालिका खुद है। बताया कि उन्होंने छह महीने पहले पूरे प्रभाग में 38 बोर्ड लगवाए थे। राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते उनकी ही पार्टी की ललिता दलवी रातों-रात उन्हीं जगहों पर दूसरे बोर्ड लगवा दीं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर एक ही काम पर महानगरपालिका डबल-ट्रिपल खर्च क्यों ? वहीं, ललिता दलवी ने फोन पर कहा कि इस सम्बंध में मिलकर बात करेंगे। आप ऑफिस में आइए।

    बुनियादी विकास पर खर्च हों पैसे

    बहुजन विकास युवक आघाड़ी के जिलाध्यक्ष नीलेश साहू ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के प्रचार के बजाय जनता के टैक्स का पैसा बुनियादी जरूरतों, ढांचागत विकास और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर खर्च किया जाने चाहिए। 

    इसका पता कराया जाएगा। सही पाये जाने पर बोर्ड हटवा दिया जाएगा।

    - दीपक खांबित, सिटी इंजीनियर