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    मुंबई:  कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते  रेलवे (Railway) ने मार्च-2020 से एसी कोच (AC Coach) में यात्रियों को यात्रा के दौरान चादर (Bed Sheet), तकिया ( Pillow), कंबल (Blanket) देना बंद कर दिया था, लेकिन दो सप्ताह पहले तत्काल प्रभाव से इस सुविधा को शुरू किए जाने की घोषणा के बावजूद यात्रियों को कंबल-चादर नहीं मिल रहे हैं। 

    दरअसल रेल मंत्रालय पिछली 10 मार्च को ही ने लंबी दूरी की ट्रेनों में फिर से यात्रियों को कंबल और बेडिंग देने का ऐलान किया था। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन के जीएम को जारी एक आदेश में कहा था कि इन वस्तुओं की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू की जाए।

    यात्री बेडरोल की कर रहे थे डिमांड

    यात्रियों का कहना है कि पिछले दो साल में कोरोना के नाम रेलवे ने ट्रेनों में सारी सुविधाएं बंद कर दी, लेकिन किराया कम करने की बजाय स्पेशल ट्रेन के नाम पर चार्ज बढ़ा दिया गया। यहां तक कोरोना के मामले घटते ही लगातार यात्रियों द्वारा इसकी डिमांड की जा रही थी। अभी भी यात्रियों को अपने साथ घर से कंबल-चादर लेकर चलना पड़ता है, जिससे एक अतिरिक्त लगेज साथ में हो जाता है। रेलवे की ओर से सभी ट्रेनों के एसी कोचों में कंबल, तकिया और चादर की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस सुविधा के लिए रेलवे ज्यादा किराया भी वसूलता है। 

    यात्रियों में भारी नाराजगी: पारसनाथ तिवारी 

    यात्री सेवा सुविधा संगठन के अध्यक्ष पारसनाथ तिवारी ने कहा कि रेल मंत्रालय यात्रियों के साथ अन्याय कर रहा है। वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट रद्द कर दी गई है। इससे भी यात्रियों में भारी नाराजगी है।

    रेलवे का ये है कहना

    ट्रेन में कंबल और लिनन की आपूर्ति के बारे में रेलवे का कहना है कि पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के कारण बहुत सारा पुराना स्टॉक अनुपयोगी हो गया है। नए चादर और कंबल चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस बीच डिस्पोजल कंबल चादर की मांग भी यात्री कर रहे हैं।

    मैसेज बंद भी हुआ बंद  

    जब रेलवे यात्रियों से पूरा किराया वसूल रहा है तो तत्काल प्रभाव से सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल में आईआरसीटीसी की तरफ से यात्रियों को कंबल चद्दर लेकर यात्रा करने का मैसेज आता था, वह मैसेज भी बंद कर दिया गया जिससे बड़ी संख्या में यात्रियों को गफलत हो रही है।\