लाइसेंसी स्टॉल्स से भी बाजार फीस की वसूली, मीरा-भायंदर महानगरपालिका प्रशासन बना मूकदर्शक

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    भायंदर: बाजार वसूली ठेकेदार (Contractor) की मनमानी हद पार कर दी है। अवैध फेरीवालों के अलावा लाइसेंस (License) धारक स्टॉल्स (Stalls) वालों से भी बाजार फीस वसूल की जा रही है और मीरा-भायंदर महानगरपालिका प्रशासन (Mira-Bhayander Municipal Administration) मूकदर्शक बना हुआ है।

    नीरा बिक्री का लाइसेंस सरकार दे रखा है। लाइसेंस देते समय आवेदकों से शुल्क भी लेती है। ऐसा होते हुए भी उनसे बाजार फीस वसूल की जा रही हैं। मतलब रोजी के लिए गरीब को दोहरी फीस चुकानी पड़ रही हैं। पूर्व नगरसेवक रोहित सुवर्णा का सवाल है कि अगर लाइसेंस लेकर नीरा बेचने वालों से फीस ली जा सकती है, तो लाइसेंस लेकर दुकान चलाने वालों से क्यों नहीं?

    फेरीवाला क्षेत्र में ही बाजार फीस वसूलने का ठेका दिया गया

    गौरतलब है कि बाजार वसूली ठेकेदार को फेरीवाला क्षेत्र में ही बाजार फीस वसूलने का ठेका दिया गया है, लेकिन वह अनधिकृत फेरीवालों के साथ-साथ सिर पर बर्तन रखकर बेचने वाली महिलाओं को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। क्या मातृत्व शक्ति का यही सम्मान है? जनप्रतिनिधि अक्सर सदन में अवैध फेरीवालों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण का मुद्दा तो उठाते हैं, लेकिन उनसे बाजार फीस वसूलकर उन्हें संरक्षण देने वाले बाजार वसूली ठेकेदार के खिलाफ मुंह नहीं खोलते हैं।

    लाइसेंस प्राप्त स्टॉल वालों से बाजार फीस वसूल नहीं की जा सकती है। इसकी जांच कराकर ठेकेदार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

    -संजय दोन्दे, सहायक आयुक्त, मीरा-भायंदर महानगरपालिका