mumbai metro line 3

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) की पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो लाइन-3 (First Under Ground Metro Line-3) का निर्माण कर रही एमएमआरसीएल (MMRCL) के लिए राज्य सरकार ने 250 करोड़ की निधी मंजूर (Approv) की है। पिछले दिनों सरकार ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी रंजीत सिंह देओल को उनके पद से हटा कर उनका चार्ज एमएमआरडीए आयुक्त एसवीआर श्रीनिवास को सौंप दिया था। इस वित्तीय वर्ष में परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपए के बजट की यह दूसरी किश्त है। जनवरी में सरकार ने 250 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।

    इस परियोजना को केंद्र और राज्य द्वारा 50:50 के अनुपात में वित्त पोषित किया जा रहा है। समझौते के अनुसार भूमि अधिग्रहण की लागत, राहत पुनर्वास आदि के लिए राज्य सरकार को 2,421 करोड़ रुपए देने थे, इनमें  इस साल जनवरी तक सरकार ने करीब 1,926 करोड़ रुपए दिए हैं। 250 करोड़ रुपए की इस किश्त के साथ एमएमआरसीएल को लगभग 2,176 करोड़ रुपए का भुगतान हो जाएगा।

    परियोजना में हो रही देरी

    33.5 किलोमीटर लंबी कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज़ मेट्रो परियोजना में देरी हो रही है। इसे जापान सरकार से भी वित्तीय मदद मिली हुई है। कारशेड की समस्या सुलझ नहीं पाई है, जबकि टनलिंग और सिविल वर्क का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। वैसे भूमिगत मेट्रो लाइन-3 को वर्ष 2019 में ही पूरा होना था। देरी के चलते पिछले साल सरकार ने आजाद मैदान की 3 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन के पट्टे को और तीन साल के लिए बढ़ा दिया। राज्य के बजट सत्र में डिप्टी सीएम अजित पवार ने मेट्रो-3 का नेवी नगर तक विस्तार करने की घोषणा की है, इससे मेट्रो मार्ग लगभग 35 किलो मीटर तक हो जाएगा। केंद्र और राज्य के बीच समन्वय न होने का असर भी इस परियोजना पर हो रहा है।