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    मुंबई. मुंबई(Mumbai) के सभी राज्यों(States) के स्कूलों में सोमवार को लगभग डेढ़ साल(Year) बाद घंटियां बजी। लंबे समय(Long Time) के बाद स्कूल जाने वाले छात्रों(Students) में काफी अधिक उत्साह देखा(Saw) गया। स्कूलों में छात्र-छात्राओं का अनौपचारिक स्वागत(Welcome) किया गया। मुख्यमंत्री(Chief Minister) उद्धव ठाकरे ने इस मौके पर  ‘मेरे छात्र, मेरी जिम्मेदारी’  कार्यक्रम के तहत शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से  संवाद किया। उन्होंने कहा कि स्कूल खुल गए हैं,  लेकिन अब दोबारा बंद(Close) नहीं हों इसके लिए  शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों का विशेष ध्यान रखने की  जरुरत है।

    मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत के दौरान शिक्षकों को स्कूल शुरू होने पर बधाई दी। उन्होंने अपने स्कूली जीवन को याद करते हुए कहा कि छुट्टियों के बाद स्कूल का पहला दिन उत्साह से भरा होता था। पहले के दिन भी अलग थे। दोस्तों से मिलने, नई किताबें, यूनिफॉर्म लेने की चाहत, छात्रों के जीवन में यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि स्कूल शुरू करने का निर्णय कठिन और चुनौतीपूर्ण था। बच्चे नाजुक होते हैं, उनकी उम्र  कुछ सीखने की होती है। आज हम बच्चों के विकास, बच्चों की प्रगति के द्वार खोल रहे है। इसलिए ज्यादा देखभाल की जरूरत है।

    कोरोना की कराएं जांच 

    मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि शिक्षकों को स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की जरुरत है। संदेह होने पर कोरोना की जांच अवश्य कराएं। विद्यार्थियों की तरफ भी ध्यान देने की जरुरत है। मौसम बदलने के साथ संक्रामक बीमारी भी आती है। कोरोना तो नहीं हुआ इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना ने हम सभी को बहुत कुछ सिखाया है। इसके साथ ही हमें आगे बढ़ना है।