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  • प्राध्यापक, शिक्षक और अभिभवाक की एक मत

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सूरज पांडे

मुंबई. राज्य में मुंबई कोरोना (Corona) से सबसे अधिक प्रभावित है ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा, लेकिन पिछले एक महीने में कोरोना के नए मामलों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में स्कूल खोलने को लेकर जो हिचकिचाहट प्राध्यापकों, शिक्षकों और अभिभावकों ( Professors, teachers and parents) को थी वह अब दूर होती नजर आ रही है. 1 जनवरी से 9वीं से 12वीं की क्लास शुरू करने को लेकर सभी एक मत और सकारात्मक है.

मुंबई, ठाणे, पालघर और कुछ जिलों को छोड़ राज्य के अन्य जिलों में 23 नवंबर से ही 9वीं से 12वीं की क्लास प्रत्यक्ष रूप से शुरू हो गई है. करीब 10 लाख से अधिक विद्यार्थी स्कूल और कॉलेज भी जा रहे है, लेकिन एमएमआर ( MMR ) में अब भी स्कूल (Schools) बंद है. दूसरी लहर के खतरे को देखते 23 नवंबर को स्कूल खोलने को लेकर पहले न तो शिक्षक ( teachers) तैयार थे न ही अभिभावक(parents). चूंकि एमएमआर में कोरोना के नए मामलों में आई कमी और मौत के गिरते आंकड़ों को देखते हुए अब एमएमआर के शैक्षणिक संस्थान खुलने के लिए रेडी होने की बात कही है. 

1 तारीख से स्कूल खोल दिए जाए तो उचित रहेगा

शिक्षक भारती संघटन के कार्याध्यक्ष सुभाष मोरे ने कहा कि एमएमआर में कोरोना के नए मामले कम है, प्रशासन का कोरोना पर नियंत्रण बना हुआ है, ऐसे में विद्यार्थियों को और नुकसान न करते हुए 1 तारीख से स्कूल खोल दिए जाए तो उचित रहेगा. अन्य राज्यों में स्कूल पहले से ही खुले हुए है वहां अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा है. हमें भी सारे प्रीकॉशन के साथ शुरुआत करनी चाहिए. आने वाले साप्ताह में हमारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होगी और हम स्कूल खोलने को लेकर सहमति जताएंगे.

स्कूल खुलना जरूरी बच्चों में भी स्ट्रेस

मुंबई में कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए 1 जनवरी से स्कूल शुरू कर देना चाहिए. विगत 6 महीनों से घर में बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर विद्यार्थियों में भी काफी स्ट्रेस हो रहा है. स्कूल शुरू होने से माहौल बदलेगा और पढ़ाई को लेकर गंभीरता भी आएगी. -अरुंधति चव्हाण, अध्यक्ष, पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन

हम भी है तैयार, सरकार करे मदद

राज्य के कई जिलों में स्कूल शुरू हो गए है. विद्यार्थियों का काफी अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है. मुंबई की वर्तमान स्थिति को देखते हुए 1 जनवरी से स्कूल शुरू करना चाहिए. बस सरकार से यही गुजारिश रहेगी कि उनकी ओर प्रीकॉशन और सेफ्टी के लिए आवश्यक वस्तुएं गैर-अनुदानित स्कूलों को भी मुहैया करवाएं. -प्रशांत रेड्डीज, सचिव, राज्य गैर-अनुदानित प्रिंसपल एसोसिएशन

जब तक रिस्क है तब तक ऑनलाइन ही ठीक

शैक्षणिक वर्ष समाप्त होने में कुछ ही महीने बचे है. कोरोना की दूसरी लहर आएगी या नहीं यह दुविधा बनी हुई है. विद्यार्थियों की सेफ्टी को देखते हुए जब तक कोरोना का कोई हल नहीं निकलता तब तक कॉलेज शुरू करना ठीक नहीं होगा. दुर्भाग्यवश विद्यार्थियों को कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? -टी. पी. शिवारे, एसोसिएशन ऑफ नॉन गोरवेमेंट कॉलेज

जायजा लेने के बाद निर्णय

मुंबई में स्कूल शुरू करने को लेकर चर्चा जारी है, लेकिन अभी मौजूदा स्थिति का जायजा लिया जा रहा है. ऐसे में स्कूल शुरू होंगे या नहीं ये आने वाले एक सप्ताह में स्पष्ट हो जाएगा. फिलहाल किसी निष्कर्ष पर आना जल्दबाजी होगी. -महेश पालकर, मनपा शिक्षा अधिकारी