Navneet Rana
नवनीत राणा (फाइल फोटो)

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    मुंबई: शिवड़ी अदालत से सांसद नवनीत राणा (MP Navneet Rana) को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनके पिता हरभजन सिंह को फरार घोषित किया है। अदालत का माना है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और मुलुंड पुलिस स्टेशन (Mulund Police Station) में दायर दोनों मामले अलग-अलग हैं। यदि वह एक महीने के भीतर अदालत में पेश नहीं हुए, तो उनकी संपत्ति जब्त हो सकती है। इस मामले में आगे की सुनवाई 16 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

    नवनीत राणा अमरावती से लोकसभा की सांसद हैं। यह सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी। नवनीत राणा ने यह दावा करते हुए चुनाव लड़ा कि वह अनुसूचित जाति से हैं। हालांकि, यह पाया गया कि उनके द्वारा पेश अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र और स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र (जीवित प्रमाण पत्र) में हेरफेर करके प्राप्त किया गया था। 

    मुलुंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज

    उसके बाद मुलुंड पुलिस स्टेशन में नवनीत राणा और उसके पिता हरभजन सिंह और राम सिंह कुंडलेस के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने उनके खिलाफ एक महीने में दो बार वारंट जारी किया था। उसके खिलाफ राणा सत्र न्यायालय पहुंची और मामले में बरी होने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की। इस याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

    अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र फर्जी

    शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल और सुनील भालेराव ने 2017 में बांबे हाई कोर्ट में नवनीत राणा के चुनाव को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। राणा ने चुनाव आवेदन के साथ जो हलफनामा दिया है, उसमें अनुसूचित जनजाति के संबंध में दिया गया प्रमाण पत्र फर्जी था। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उन्होंने जाति प्रमाणन समिति के समक्ष अपनी जाति का झूठा दावा किया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर लगाई रोक

    नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र बांबे हाईकोर्ट ने 8 जून, 2021 को रद्द कर दिया था। उन पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। हाईकोर्ट के इस फैसले से नवनीत राणा का सांसद का दर्जा खतरे में पड़ गया था। नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 22 जून 2021 को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नवनीत कौर राणा को राहत देते हुए जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के बांबे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।