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    मुंबई : पुणे जिले (Pune District) की लवासा सिटी (Lavasa City) पर मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) ने शनिवार (Saturday) को अपना निर्णय सुना दिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पुणे सिटी (Pune City) को अवैध बताया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद लवासा सिटी डेवलप करने वाली पवार फेमिली को जबरदस्त झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि लवासा में नया निर्माण नहीं किया जाएगा लेकिन पुराने निर्माण को तोड़ने के लिए हम कोई आदेश नहीं देंगे।

    याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें बहुत देर हो चुकी है। हाईकोर्ट ने परियोजना पर उठाए गए सवालों को योग्य बताते हुए कहा कि लवासा सिटी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले का इंट्रेस्ट होना स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा है। एडवोकेट नानासाहेब जाधव ने लवासा सिटी के लिए काननू में नए  प्रावधान किए जाने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। पुणे जिले की लवासा सिटी परियोजना में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और उनकी सांसद पुत्री सुप्रिया सुले की कंपनी ने निवेश किया था। इस परियोजना के लिए जगह मिल सके इसलिए कानून में बदलाव किया गया था। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजित पवार जल संशाधन मंत्री थे, उनके आदेश से इस परियोजना को अनुमति मिली थी। जिसका याचिकाकर्ता ने विरोध किया था।

    लवासा सिटी को वर्ष 2010 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन के कारण रोक लगा दी थी। इससे सुले की कंपनी के शेयर में बहुत गिरावट आ गई थी। बाद में पूरे लवासा प्रोजेक्ट को दिवालिया घोषित कर दिया गया था। इस मामले पर हाईकोर्ट ने लंबे अंतराल के बाद अपना निर्णय दिया है। हाईकोर्ट ने कहा बहुत देर होने कारण हम वहां किए गए निर्माण कार्य को गिराने का आदेश नहीं दे सकते।