st strike and anil parab

    Loading

    मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) के हड़ताली (ST Strike) कर्मचारियों को काम पर वापस लौटने के लिए राज्य सरकार (State Govt.) ने 31 मार्च की नई डेडलाइन (New Deadline) दी है। महाराष्ट्र विधान मंडल के बजट सत्र (Maharashtra Budget Session 2022) के आखिरी दिन 25 मार्च को परिवहन मंत्री अनिल परब (Anil Parab) ने विधान परिषद में यह घोषणा की। उन्होंने विपक्ष की मांग पर अपना निवेदन दिया। 

    अनिल परब ने कहा कि सरकार चाहती है कि एसटी कामगार जल्द से जल्द काम पर वापस लौटें। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी 31 मार्च तक काम पर वापस लौटते हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

    गुडी पाडवा से पहले करें नई शुरुआत 

    अनिल परब ने कहा कि अगले महीने गुडी पाडवा का त्योहार है। ऐसे में हम सभी को मिल कर एक नई शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने  कहा कि सरकार ने एसटी कामगारों के वेतन में ऐतिहासिक इजाफा किया है। ऐसे में अब उन्हें अपनी जिद्द को छोड़ कर काम पर वापस लौटना चाहिए। परब ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय समिति ने एसटी का सरकार के साथ विलय के प्रस्ताव को खारिज किया है। इसके बावजूद हम कामगारों की अन्य मांगों को आपस में बैठ कर सुलझाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने  हड़ताल का हल निकालने के लिए सभापति रामराजे निम्बालकर से भी मदद करने की अपील की। 

    कामगारों से आत्महत्या न करने की अपील 

    परिवहन मंत्री परब ने एसटी कामगारों से आत्महत्या न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अभी तक 48 कामगारों के आत्महत्या करने की रिपोर्ट है। परब ने कहा कि आत्महत्या करने के बाद पड़ोसी और रिश्तेदार कुछ दिनों तक परिवार की मदद कर सकते हैं, लेकिन जिंदगी भर परिजनों को दुःख उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। 

    आम लोगों के साथ छात्रों को परेशानी 

    विधान परिषद सदस्य कपिल पाटिल ने कहा कि एसटी हड़ताल की वजह से आम लोगों के साथ परीक्षा के लिए जाने वाले छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक छात्र को परीक्षा सेंटर पर जाने के लिए रोजाना 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। एक अन्य सदस्य सदाभाऊ खोत ने कहा कि एसटी कामगारों के हड़ताल को जल्द खत्म करवाने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरुरत है।