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    मुंबई: एसटी (ST) महामंडल के निजीकरण (Privatization) की आहट से हड़ताली एसटी कर्मचारी (ST Employees) सहम गए हैं। ऐसे में अब हड़ताल (Strike) को खत्म करने को लेकर भी मंथन का दौर शुरू हो गया है। हालांकि परिवहन मंत्री अनिल परब (Transport Minister Anil Parab) ने कहा है कि अभी एसटी के निजीकरण का विचार नहीं है, लेकिन यह एक विकल्प हो सकता है। 

    इससे पहले गुरुवार को एसटी हड़ताल को समाप्त करने के मुद्दे को लेकर परब ने नेता विपक्ष देवेन्द्र फडणवीस के साथ चर्चा की थी। एसटी हड़ताली कर्मचारियों का बीजेपी नेता खुल कर समर्थन कर रहे हैं। इस वजह से भी कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि परिवहन मंत्री इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए देवेन्द्र को विश्वास में लेना चाहते हैं। 

    मैं कर्मचारियों से दोबारा बात करने को तैयार हूं: परब

    परब ने कहा कि फडणवीस ने यात्री कर का फार्मूला समझाया है, जिसे हमने गंभीरता से लिया है। हालांकि इसे कोरोना काल के पूर्व लागू किया जा सकता था, लेकिन इसमें अब बड़ा गैप आ गया है। इन तमाम चर्चा के बीच एसटी कर्मचारी सरकार में विलय की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। हालांकि अब निजीकरण की आहट से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। अनिल परब ने कहा कि हड़ताल ख़त्म करने के बारे में न तो एसटी संघ सुन रहा है और न ही भाजपा नेता। आंदोलन नेतृत्वविहीन हो गया है। उन्होंने कहा कि मैं कर्मचारियों से दोबारा बात करने को तैयार हूं।

    नाशिक में एक चालक ने की आत्महत्या

    इसी बीच, नाशिक जिले के पेठ डिपो के एक अन्य चालक ने कम वेतन के कारण आत्महत्या कर ली है। कर्मचारी का नाम गहिनीनाथ गायकवाड़ है। बताया जा रहा है कि गायकवाड़ ने अपने आवास पर ही आत्महत्या कर ली। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अब तक आर्थिक संकट की वजह से 35 एसटी कर्मचारी आत्महत्या कर चुके है।