Mahavitaran
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    मुंबई: बिजली की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा बिजली वितरण प्रणाली (Power Distribution System) को और अधिक मजबूत और अत्याधुनिक बनाने की जरूरत है। राज्य में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी  महावितरण (Mahavitaran) के सप्लाई सिस्टम (Supply System) को स्मार्ट बनाने के लिए 39 हजार 602 करोड़ रुपए की कार्ययोजना तैयार की गयी है। जिसमें  से 14 हजार 266 करोड़ रुपए वितरण प्रणाली के सशक्तिकरण और आधुनिकीकरण पर खर्च किए जाएंगे। यह जानकरी महावितरण के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने दी है। 

    राज्य में विद्युत वितरण कंपनी की कार्यक्षमता में वृद्धि कर आर्थिक स्थिरता में सुधार के लिए केंद्र  सरकार की वित्तीय सहायता से संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) लागू की जानी है। इस योजना से महावितरण की बिजली वितरण व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाया जाना है।  

    वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने इतने करोड़ खर्च होंगे

    महावितरण के ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए वितरण प्रणाली को सशक्त और आधुनिक बनाने के लिए 14 हजार 266 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें राज्य में विभिन्न स्थानों पर 377 नए उपकेंद्र स्थापित किए जाने जा रहे हैं। 299 उपकेन्द्रों में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाएंगे। 292 उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाकर लगभग 29 हजार 893 नए वितरण बॉक्स लगाए जाएंगे। साथ ही 21 हजार 691 सर्किट किमी हाई प्रेशर ओवरहेड चैनल और 4 हजार 171 सर्किट किमी हाई प्रेशर अंडरग्राउंड चैनल बिछाया जाएगा। महावितरण के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने यह भी कहा है कि इस योजना से ग्राहकों को चौबीसों घंटे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्राप्त करने में सहूलियत होगी।