jayant patil-Ulhas River

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    मुंबई: जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने उल्हास नदी (Ulhas River) को प्रदूषण मुक्त (Pollution Free) करने  के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (Kalyan-Dombivli Municipal Corporation) एवं ठाणे जिला परिषद के अधिकारियों को दिया है। उन्होंने कहा कि मोहने और म्हारल में उल्हास नदी के किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाने और नदी में प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए अभियान शुरु किया जाना चाहिए। 

    मोहने और म्हारल क्षेत्रों में उल्हास नदी के तट पर अतिक्रमण, औद्योगिक और बस्तियों से दूषित पानी को नदी में छोड़ने से उसके दूषित होने की शिकायत स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पाटिल से की थी। जिसको लेकर जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल की अध्यक्षता में मंत्रालय में एक बैठक हुई। बैठक में जल संसाधन सचिव बसवंत स्वामी, कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका कमिश्नर विजय सूर्यवंशी, ठाणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भाग लिया। 

    अतिक्रमण को चिन्हित कर संबंधित को नोटिस भेजे महानगरपालिका प्रशासन

    जयंत पाटिल ने कहा कि कल्याण-डोंबिवली और उल्हासनगर महानगरपालिका प्रशासन अतिक्रमण को चिन्हित कर संबंधित को नोटिस भेजे। बैठक में मांग की गई कि क्षेत्र में एनआरसी कंपनी की तरफ सड़े बनाया गया बांध जर्जर हो गया है और इसकी मरम्मत की जरूरत है। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली, नितीन निकम, उमेश बोरगावकर, कैलास शिंदे, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता संजय टाटू, पर्यावरण विभाग के उपसचिव अभय पिंपरकर, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सहसचिव पी. के. मिराशे, ठाणे जिल्हा परिषद के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दादाभाऊ गुंजाल, अधीक्षक अभियंता राजेश सोनटक्के, शहर अभियंता सपना कोली आदि उपस्थित थे।