जानें कहां लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई मछली मार्केट पर लटका है ताला

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     -अनिल चौहान 

    भायंदर: एक तरह मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) तंगहाली से बाहर निकलने के लिए आमदनी के नए-नए स्रोत ढूंढ रही है, वहीं दूसरी तरफ लाखों रुपए खर्च कर जैसलपार्क (Jaisalpark) में बनाई गई मछली मार्केट (Fish Market) बेकार पड़ी है। दो साल बीत जाने के बाद भी इस मार्केट को खुला करने का मुहूर्त ही नहीं निकल पाया है।

    जैसलपार्क शाकाहारी बाहुल्य इलाका है। सबवे के पास शिवसेना ऑफिस से सटकर मछली मार्केट लगती है। रेलवे स्टेशन आते-जाते समय इलाके के लोगों को बदबू के मारे नाक-मुंह बंद करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए इस मछली मार्केट को शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत इलाके में कोली नगर के पास मछली मार्केट विधानसभा चुनाव से पहले बनाई गई, लेकिन मछली विक्रेता वहां जाने को तैयार नहीं हुए। उन्हें राजनीतिक समर्थन भी मिला हुआ है। 

    नगरसेवकों के हैं अलग-अलग मत

    क्षेत्र के भाजपा नगरसेवक मदन सिंह का कहना है कि मछली मार्केट में शिवसेना ऑफिस के पास में ,कोली नगर और आरएनपी पार्क में काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने बैठने वाले मछली विकेताओं को शिफ्ट कर देना चाहिए। ऐसा किए जाने से बदबू और आवाजाही में अड़चन से मुक्ति मिलेगी। वहीं रोहिदास पाटिल कहते है कि शिवसेना ऑफिस के पास की मछली बाजार स्टेशन के नजदीक है। आते-जाते समय यहां से लोग मछली खरीद लेते है। नई मछली मार्केट में इन्हें शिफ्ट किया गया तो वहां लोग नही जाएंगे। जिससे उनका रोजगार चौपाट हो जाएगा। 

    जल्द शुरु की जाएगी शिफ्टिंग की प्रक्रिया

    क्षेत्र के निवासी नरेंद्र गुप्ता कहते हैं कि शिफ्ट करने के बाद नई मार्केट में आने-जाने की लोगों को आदत पड़ जाएगी। पहले सब-वे के पास (रेलवे पटरी के सामानन्तर) सब्जी विक्रेता बैठते थे, उन्हें यहां से शिफ्ट किया गया, फिर मछली विक्रेताओं को क्यों नहीं किया जा सकता है? मीरा-भायंदर महानगरपालिका के लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता दीपक खांबित का कहना है कि मछली विक्रेता नई मार्केट में जाने के लिए तैयार नही हैं। फिर भी शिफ्टिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।