Chitra Wagh
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    मुंबई. महिला सुरक्षा (Women Safety) पर दो दिवसीय विशेष सत्र (Special Session) बुलाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की तरफ से राज्यपाल को लिखे गए जवाबी पत्र से राज्य में राजनीति गरम हो गई है। इसको लेकर भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार की हर रोज की घटनाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर के बजाय महिलाओं पर अत्याचार की तीसरी लहर है।

    भाजपा ने साकीनाका बलात्कार मामले के मद्देनजर राज्य में महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर दो दिवसीय विशेष सत्र की मांग की थी। जिसके तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  ने राज्य सरकार को दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य पाल को पत्र लिख कर यह बताने का प्रयास किया कि महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक ठाक है। जबकि भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं पर अधिक अत्याचार हो रहे हैं।

    मुख्यमंत्री खुद को परिवार का मुखिया कहते है

    भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में चित्रा वाघ ने कहा कि एक महिला  होने के नाते मैं बहुत व्यथित हूं। यह किसी राज्य के मुख्यमंत्री का पत्र नहीं लगता है। मुख्यमंत्री खुद को परिवार का मुखिया कहते हैं। लेकिन क्या परिवार के इस मुखिया को पता है कि महाराष्ट्र में उसकी नाक के नीचे क्या हो रहा है? आए दिन महिलाओं के साथ बलात्कार और अत्याचार की ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। तो इसके लिए एक विशेष अधिवेशन बुलाने में क्या गलत है?  मुख्यमंत्री की तरफ से राज्यपाल को लिखा गया पत्र  महाराष्ट्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा नेता चित्रा वाघ ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे को चाहिए कि वे अपने राज्य के डीजी को बुलाएं और पता करें कि इस दौरान राज्य में कितनी महिलाओं का अपहरण किया गया है।