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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भूचाल लाने वाले शिवसेना के नेता और नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) की बगावत से ठाणे (Thane) और पालघर जिले (Palghar District)के शिवसैनिकों में हंगामा मच गया है। ठाणे-पालघर जिले में शिवसेना के सर्वेसर्वा एकनाथ शिंदे अपने समर्थित शिवसेना विधायकों के साथ सूरत (Surat) चले गए।

    मंगलवार को उद्धव सरकार के खिलाफ एकनाथ शिंदे की बगावत से पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) के साथ साथ उनके राजनीतिक गढ़ ठाणे में जैसे तुफान से पहले आने वाली शांति का माहौल बन गया है। चर्चा है कि यदि नाराज एकनाथ शिंदे की बगावत ख़त्म नहीं होती तो ठाणे जिले में शिवसेना का किला ध्वस्त हो जाएगा।

    शिवसेना का गढ़ है ठाणे

    ठाणे शिवसेना का गढ़ माना जाता है। शिवसेना के कद्दावर जिलाप्रमुख रहे स्व. आनंद दिघे के कट्टर शिष्य माने जाने वाले एकनाथ शिंदे ने दिघे की मौत के बाद शिवसेना का गढ़ साबूत रखा। ठाणे, कल्याण, अंबरनाथ, बदलापुर महानगरपालिका और नगरपालिका में शिवसेना की लगातार सत्ता रही है। एकनाथ शिंदे के पुत्र डॉ. श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा से सांसद भी हैं। ठाणे जिले में शिवसेना के सांसद, विधायक, नगरसेवक और अधिकांश पदाधिकारियों पर एकनाथ शिंदे का ही प्रभाव है। एकनाथ शिंदे द्वारा उठाए गए इस राजनीतिक कदम से ठाणे और पालघर जिले के शिवसेना में शांति पसरी हुई है। एकनाथ शिंदे के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शिवसेना पक्ष प्रमुख और सीएम उद्धव के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठाए जाने के बावजुद ठाणे-पालघर का शिवसैनिक कुछ बोलने को तैयार नहीं।

    ठाणे-पालघर में शिवसेना के 6 विधायक बागी

    मुंबई से 2 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ गए हैं, जबकि ठाणे और पालघर में एकनाथ शिंदे सहित सभी 6 विधायकों के बागी हो गए हैं। एकनाथ शिंदे स्वयं ठाणे के पांच पखाडी विधानसभा से विधायक हैं, जबकि ओवला-माजिवाडा के प्रताप सरनाईक, कल्याण पश्चिम से विश्वनाथ भोईर, अंबरनाथ से बालाजी किनीकर, भिवंडी ग्रामीण से शांताराम मोरे और पालघर के शिवसेना विधायक श्रीनिवास वनगा ये सभी एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए हैं। इस तरह ठाणे और पालघर जिले के सभी शिवसेना विधायकों के शिंदे के साथ बागी होने से पार्टी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। शिवसेना के इतिहास में यह सबसे बड़ी फूट मानी जा रही है।

    दिघे के भतीजे ने की एकनाथ शिंदे की आलोचना

    राज्य में राजनीतिक भूकंप पैदा करने वाले नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे ने की है। केदार ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने बहुत बड़ी गलती की है। उन्हें स्व.आनंद दिघे का नाम लेने का अधिकार नहीं है। शिवसेना भवन में कार्यकर्ताओं के साथ जुटे केदार दिघे ने कहा कि पार्टी नेताओं से नहीं शिवसैनकों से चलती है। शिवसैनिक भगवा के साथ धोखा नहीं करता है। केदार दिघे ने कहा कि एकनाथ शिंदे का शिवसेना के विस्तार में योगदान है, लेकिन वे अब बड़ी गलती कर रहे हैं।