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    -अनिल चौहान

    भायंदर: मीरा-भायंदर महानगरपालिका ( Mira-Bhayander Municipal Corporation) के वित्तीय वर्ष 2021-22 के मूल बजट (Budget) में दर्शायी गई अपेक्षित आय (Income)में करीब 600 करोड़ रुपए का घाटा (Loss) हुआ है। सत्तापक्ष द्वारा बजट में बढ़ा दी गई अपेक्षित आय और अनुदान का लक्ष्य पूरा न हो पाना आय में घाटा का कारण रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के सुधारित बजट का अवलोकन कर घाटा देखा जा सकता है।

    दरअसल हर वित्तीय वर्ष के बजट में प्रशासन द्वारा अपेक्षित की गई आय को पहले स्थायी समिति फिर आमसभा बढ़ा देती है। ऐसा होने से मूल आय से 20-25 फीसदी आय कागज पर और बढ़ तो जाती है, लेकिन प्रत्यकक्ष में उतनी वसूली हो नही पाती है। इसलिए अपेक्षित आय में घाटा आ जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष का 1509 करोड़ रुपए का मूल बजट प्रशासन ने पेश किया था।बाद में स्थायी समिति और आमसभा ने कमाई का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बजट  2062 करोड़ रुपया तक पहुंचा दिया।

    हर तरह की आय और अनुदान शामिल 

    वित्तीय वर्ष 2021-22 के सुधारित बजट को देखें तो प्रत्यकक्ष में 1443 करोड़ रुपए तक ही बजट का आंकड़ा पहुंच सका है। इसमें हर तरह की आय और अनुदान शामिल है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि प्रशासन द्वारा तैयार किया गया बजट ही सही होता है। बता दें कि आगामी वित्तीय वर्ष के मूल बजट के साथ ही मौजूदा वित्तीय वर्ष का सुधारित बजट फरवरी में पेश किया जाता है।

    राज्य सरकार से मिले केवल 25 करोड़ रुपए अनुदान 

    बजट में कोविड़ महामारी के रोकथाम और उपचार में लिए राज्य सरकार से अनुदान के रूप में 125 करोड़ रुपए प्राप्त होना अपेक्षित किया गया था, लेकिन उसकी जगह सिर्फ 25 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुआ है। यानी अकेले एक ही स्रोत से 100 करोड़ रुपए आय में कमी हो गई। इसके अलावा और तरह के अपेक्षित किए गए अनुदान से करीब 300 करोड़ रुपए प्राप्त नहीं हो सका। इस तरह अनुदान से 400 करोड़ रुपए और और शुल्क से आमदनी में 200 (कुल 600 करोड़ रुपए) का घाटा वित्तीय वर्ष 2021-22 में बजट में दर्शाई गई आय में हुआ है।