- 1996 सार्वजनिक मंडलों को मिली स्वीकृति
मुंबई. गणेशोत्सव (Ganeshotsav) का त्योहार प्रतिवर्ष बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दूसरा वर्ष है जब कोरोना प्रतिबंधों (Corona Restrictions) के बीच गणेशोत्सव का महापर्व मनाया जा रहा है। आज विघ्नहर्ता गणेश बाप्पा का घर घर आगमन हो रहा है। बीएमसी (BMC) के अनुसार, इस वर्ष कुल 2520 सार्वजनिक गणेश मंडलों की ओर से मंडप लगाने का आवेदन दिया गया था जिसमें से 1996 मंडलों को अनुमति प्रदान की गई है।
381 मंडलों का आवेदन निरस्त कर दिया गया है। 143 आवेदन अभी प्रलंबित हैं। घरेलू मूर्तियां स्थापित करने के लिए बीएमसी से अनुमति नहीं लेनी होती है। बीएमसी की पिछले वर्ष की तरह गणेश उत्सव मनाने के लिए कठोर प्रतिबंध लगाए हैं। इन्ही प्रतिबंधों के दायरे में रहकर त्योहार मनाया जाएगा।
नियमों का पालन करना जरूरी
मुंबई शहर में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। इसलिए गणेशोत्सव के दौरान कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी है। गणेश मूर्तियों का विसर्जन घर के नजदीक कृत्रिम तालाब में ही करें। बीएमसी ने लोगों को सचेत किया है कि प्राकृतिक विसर्जन स्थलों में विसर्जन से बचें। महापौर किशोरी पेडणेकर ने विसर्जन स्थलों पर जा कर बीएमसी की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि नागरिक बीएमसी की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें। पेडणेकर ने लोगों से अपील की है कि हमें खुद को कोरोना से बचाते हुए दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
विसर्जन की पूरी तैयारी
गिरगांव चौपाटी पर गणेश प्रतिमाओं को स्वीकार करने के लिए 150 टेबल की व्यवस्था की गई है। गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन के लिए मंडल कार्यालय में पंजीकरण के बाद मंडल कार्यालय द्वारा स्लॉट के भीतर विसर्जन करना होगा। महापौर ने सभी संबंधित अधिकारियों को अन्य चौपाटियों पर भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बीएमसी ने गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए इस वर्ष 173 कृत्रिम तालाब बनाए है। स्थान, तारीख की बुकिंग पहले ही करनी होगी। संकलन केंद्र पर जमा कराएं मूर्तियां गणेश विसर्जन की तिथियों पर बीएमसी ने सोसायटियों के अलावा जगह-जगह संकलन केंद्र बनाए जाएंगे जहां से बीएमसी कर्मचारी मूर्तियों को संकलित कर कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करेंगे।
विसर्जन के नियम कठोर
पवई तालाब पूर्व उपनगर का महत्वपूर्ण तालाब है। प्रति वर्ष घरेलू और सार्वजनिक मंडल गणपति का विसर्जन पवई तालाब में किया जाता है। पवई, भांडुप, कांजूरमार्ग, विक्रोली, घाटकोपर, जोगेश्वरी आदि क्षेत्रों के गणेश मूर्तियों का विसर्जन इसमें ही किया जाता है। विसर्जन के समय भीड़ होने से रोकने के लिए इस बार नियमों को कठोर किया गया है। गणपति आगमन और विसर्जन के लिए केवल 5 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। कोरोना संकट के बीच बीएमसी ने घर में विराजने वाले गणपति को कैसे लाना है और कैसे विसर्जित करना है, इसको लेकर गाइडलाइन जारी की हुई है। जिसके तहत गणेश भक्तों को कई नियमों का पालन करना होगा।
इन नियमों का करना होगा पालन
- गणेश मूर्ति संकलन केंद्र पर जमा कराएं
- घर पर विसर्जन की व्यवस्था हो सके ठीक नहीं तो पास में बने कृत्रिम विसर्जन स्थल पर करें।
- विसर्जन के समय 5 से अधिक लोग न शामिल हों।
- समुद्र के किनारे विसर्जन करने जाने से परहेज करें।
- सोसायटी, चाल के सभी गणपति एकसाथ विसर्जन के लिए न निकलें।
- समुद्र किनारे या तालाब में मूर्ति विसर्जन के समय होनेवाली आरती घर पर ही कर लें।
- वहां ज्यादा समय न रुकें।
- बच्चों और सीनियर सिटीजन को विसर्जन स्थल पर न ले जाएं।
- बीएमसी, पुलिस के बताए नियमों का पालन करें।
- कंटेन्मेंट जोन के नियमों का पालन करें।