मुंबई. महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले बेलगाम में मराठी भाषियों (Marathi Speakers) की संख्या को लेकर शिवसेना नेता और सांसद (Member of parliament) संजय राउत ने कर्नाटक सरकार पर हमला बोला(Attacked) है। इसके साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व(Leadership) वाली महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वह इस मामले में चुप क्यों हैं? राउत ने आरोप(Blame) लगाया है कि बेलगाम में मराठी बोलने वालों की संख्या छिपाने(Hide) की कोशिश की जा रही है।
शिवसेना नेता राउत ने कहा कि बेलगाम में पिछले चुनाव में मराठी उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। कर्नाटक को जवाब देने के लिए महाराष्ट्र सरकार को स्टैंड लेने की जरूरत है। राउत ने कहा कि कर्नाटक में मराठी भाषियों का गला घोंटा जा रहा है। इसलिए सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए नियुक्त किए गए दो मंत्रियों को भूमिका निभानी चाहिए। एकनाथ शिंदे और छगन भुजबल दो मंत्री है। दोनों मंत्री समन्वयक की भूमिका में है। उन्हें वहां जाकर मामले पर चर्चा करनी चाहिए। संजय राउत ने यह भी कहा है कि वह इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।
60 से 65 प्रतिशत मराठी भाषी सीमावर्ती क्षेत्र में रहते है
कर्नाटक सरकार की ओर से कहा गया है कि कर्नाटक में मराठी भाषी 15 फीसदी अल्पसंख्यक है। 60 से 65 प्रतिशत मराठी भाषी सीमावर्ती क्षेत्र में रहते है। लेकिन कर्नाटक सरकार ने सीमा क्षेत्र का सीमांकन कर दिया है। संजय राउत ने कहा कि राजनीतिक हितों के लिए मराठी प्रतिशत को कम बताया जा रहा है।