water supply
प्रतिकात्मक तस्वीर

    Loading

    भायंदर : अच्छी बरसात (Good Rain) के बाद पेयजल की आपूर्ति (Drinking Water Supply) सामान्य होने के बजाय अनियमित हो गई है। पानी की अघोषित कटौती के चलते दो से तीन  दिन के बाद पीने का पानी नसीब हो पा रहा है। इसका फायदा टैंकर लॉबी (Tanker Lobby) जमकर उठा रही है। कुएं का दूषित पानी प्रति टैंकर 1000 रुपए से अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। 

    मीरा-भायंदर को दो स्रोतों से पानी मिलता है। इसमें एमआईडीसी की जलापूर्ति अक्सर हर सप्ताह शुक्रवार को बंद रहती है। नतीजा यह होता है कि अगले तीन-चार दिन तक पानी कम मात्रा और दबाब में आता है। इसके पीछे महानगरपालिका प्रशासन एक ही कारण आगे करता रहता है, वह यह कि पानी की लाइन टूट गई है या पाइपलाइन की रूटीन मरम्मत के लिए जलापूर्ति 24 घंटे बंद रखनी पड़ रही है। ऐसा गर्मी शुरू होने के बाद से चलता आ रहा है, लेकिन आज तक मरम्मत का काम नहीं पूरा हो पाया। 

    तीन दिन से पानी नहीं आया

    बहुजन विकास आघाड़ी के नेता मुस्तकीम शेख मुन्ना ने कहा कि तीन दिन से पानी नहीं आया है ।इस समस्या को दूर करने के लिए उच्च स्तर पर बैठक कर समाधान क्यों नही निकाला जा रहा है ? ऐसा तो नहीं की पानी की कटौती शुरू है और जनता से छुपाने के लिए मरम्मत का झूठा कारण आगे किया जाता है? नागरिकों का कहना है कि नगरसेवक सेल्फी पॉइंट बनाने और कमिश्नर वॉक विथ कमिश्नर में व्यस्त हैं और महापौर-विधायक गंभीर नही हैं।

    55 घंटे के अंतराल पर जलापूर्ति 

    उपमहापौर हसमुख गहलोत और सभागृह नेता प्रशान्त दलवी ने कमिश्नर को पत्र देकर पानी की किल्लत दूर करने को कहा है। उनका कहना है 50-55 घंटे पर पानी आ रहा है। त्यौहारी मौसम में पानी की कमी के  कारण लोगों को परेशानी हो रही है। अगर पानी की समस्या हल नहीं की गई तो जनता का गुस्सा फूट सकता है। उपमहापौर ने कहा कि वे यह पता लगा रहे हैं की एमआईडीसी पानी जानबूझकर नहीं दे रही है या सचमुच में खराबी के कारण जलापूर्ति बंद रखी जाती है। अगर एमआईडीसी कृत्रिम जलसंकट पैदा की होगी तो वे बिना पूर्व सूचना धरने पर बैठ जाएंगे।