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मुंबई : एशिया (Asia) की सबसे लंबी और मुंबई की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो (Underground Metro) का काम तेजी से चल रहा है। जापान सरकार के वित्तीय सहयोग से शुरू मेट्रो 3 का पहला चरण लगभग 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जबकि ओवरऑल ट्रैक बिछाने का काम लगभग 58 प्रतिशत पूरा हो चुका है। राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने बताया कि मुंबई मेट्रो 3 (Mumbai Metro 3) देश की ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे लंबी भूमिगत मेट्रो होगी। 

कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज तक लगभग 33.50 किमी लंबी अंडर ग्राउंड मेट्रो 3 की टनलिंग का काम शतप्रतिशत होने के बाद सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने और स्टेशन का काम तेजी से चल रहा है। बताया गया कि पिछले सप्ताह तक 56.8 प्रतिशत भूमिगत ट्रैक का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ स्टेशन बिल्डिंग, ओसीसी, ओएचई, एमईपी वर्क भी चल रहा है। उप मुख्यमंत्री के अनुसार पहले चरण में सरिपुत नगर से बीकेसी के बीच दिसंबर 2023 तक भूमिगत मेट्रो दौड़ाने का लक्ष्य MMRCL ने बनाया है। 

आरे कारशेड का काम 54  प्रतिषत

राज्य सरकार के अनुसार बहुचर्चित आरे कारशेड का काम मात्र 6 महीने में 54 प्रतिशत पूरा हो गया है। यहां भी ट्रैक का काम तेज गति से हो रहा है। एमएमआरसीएल की एमडी अश्विनी भिड़े लगातार मेट्रो 3 के कार्य की समीक्षा कर रहीं हैं। मेट्रो 3 के संचालन के साथ कार शेड भी रेडी कर दिया जाएगा। आरे से लेकर बीकेसी तक ट्रैक बिछाने का लगभग 85 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ दूसरे फेज में बीकेसी से लेकर कफ परेड तक लाइन बिछाने का काम 57 प्रतिशत तक हो गया है। आरे स्टेशन के सिविल वर्क के काम के साथ ओएचई, एमईपी का काम तेज गति से चल रहा है। 

31 रेक की जरूरत

एमएमआरसीएल को मेट्रो-3 के 33 किलोमीटर के रूट पर ऑपरेट करने के लिए कुल 31 रेक की जरूरत होगी। सरकार भी चाहती है, कि 2024 लोकसभा चुनाव के पहले मुंबईकर पूरी तरह पहली अंडरग्राउंड मेट्रो के सफर का आनंद ले सकें।

टेस्टिंग शुरू

बताया गया कि मेट्रो 3 का पहला चरण शुरू करने के लिए 9 रेक की आवश्यकता होगी। इसके पहले 2 रेक मिल चुके हैं, जिनकी टेस्टिंग सरिपुट नगर से मरोल नाका तक हो रही है। इसी महीने के अंत तक 2 और रेक आने वाले हैं। बाकी रेक शेड्यूल के अनुसार आएंगे।