यूनेस्को ने भायखला रेलवे स्टेशन को रेस्टोरेशन के लिए पुरस्कृत किया

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    मुंबई : देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक 169 पुराने भायखला रेलवे स्टेशन (Byculla Railway Station) के रेस्टोरेशन कार्य (Restoration Work) की यूनेस्को (UNESCO) ने सराहना करते हुए पुरस्कृत (Awarded) किया है। मध्य रेल के भायखला स्टेशन को वैश्विक पहचान मिली है। 

    उपयोग में सबसे पुराना स्टेशन

    भारतीय रेलवे के सबसे पुराने स्टेशन भायखला का उपयोग आज भी उसी रूप में हो रहा है। पिछले तीन वर्षों में इस स्टेशन के संरक्षण और सौंदर्यीकरण कार्य के लिए यूनेस्को का एशिया पैसिफिक कल्चरल हेरिटेज कंजर्वेशन अवार्ड ऑफ मेरिट मिला है। भायखला स्टेशन के संरक्षण और सौंदर्यीकरण का कार्य आई लव मुंबई की ट्रस्टी सायना एनसी की पहल पर जायंट्स इंटरनेशनल के संस्थापक, स्व. पद्मश्री नाना चुडासमा की स्मृति में बजाज ट्रस्ट ग्रुप और आभा नारायण एसोसिएट्स, ने सीएसआर के रूप मे की है। बजाज समूह और जमनालाल बजाज फाउंडेशन की मीनल बजाज और नीरज बजाज ने 4 करोड़ रुपए इस हेरिटेज संरक्षण के लिए दिया। वास्तुकार अभय नारायण लांबा ने मुफ्त में काम किया। 

    अवार्ड की दौड़ में थे 6 देश  

    इस वर्ष के पुरस्कार की दौड़ में अफगानिस्तान, चीन, भारत, ईरान, नेपाल और थाईलैंड के 13 प्रोजेक्ट थे। अंतरराष्ट्रीय जूरी ने इनमें भायखला स्टेशन का चुनाव किया। सदस्यों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 11 देशों की कुल 50 प्रविष्टियों की समीक्षा की। यूनेस्को की जूरी ने ‘मुंबई के सीएसएमटी वास्तु संग्रहालय परियोजना की सराहना की। 

    ऐतिहासिक स्टेशन

    उल्लेखनीय है,कि 16 अप्रैल 1853 को सीएसएमटी से ठाणे के बीच पहली ट्रेन चली। उस समय विक्टोरिया टर्मिनस (आज का सीएसएमटी) के बाद भायखला ही प्रमुख स्टेशन था। क्योंकि यह स्टेशन भायखला स्थित घोड़े के अस्तबल के बहुत करीब था। ट्रेनों के संचालन से पहले भायखला से परेल के बीच वाष्प लोकोमोटिव का परीक्षण किया गया था। भायखला से ही बॉम्बे के गवर्नर की पत्नी लेडी फाकलैंड ने 1853 में ट्रेन की पहली यात्रा की थी। स्टेशन की इमारत हेरिटेज की श्रेणी में है।