मुंबई : विधानसभा (Assembly) में विपक्ष के नेता (Opposition Leader) देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis) अपने ट्वीट (Tweet) को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की पूण्यतिथि (Death Anniversary) पर अमृता ने ट्वीट कर राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधा है। जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसको लेकर राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ (Varsha Gaikwad) ने अमृता फडणवीस पर निशाना साधा है। साथ ही शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे (Manisha Kayande) सहित अन्य ने भी पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी को सुनाया है।
अमृता फडणवीस ने शिवसेना नेता संजय राउत, एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का उल्लेख नॉटी नामर्द, बिगड़े नवाब और नन्हे पटोले के रुप में किया है। उन्होंने ट्वीटर पर 100 नंबर का पेपर शेयर किया है। नॉटी नामर्द, बिगड़े नवाब, नन्हें पटोले …..इस समाज के लोगों को एक साथ कहां देखा जा सकता है ? रिक्त स्थानो की पूर्ति करो …. 50 मार्क्स !__शराब नहीं होती ! हरामख़ोर का मतलब __है और सुनने में आया है ___नामर्द है !
शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने अमृता अमृता फडणवीस के ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महिला हो या पुरुष सभी को बोलते समय भाषा, संयम और परंपरा का ध्यान देना चाहिए। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर गांधी की तरह हमारे जीवन से एक अच्छा संदेश आना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को उसका अनुसरण करना चाहिए।
अमृता फडणवीस द्वारा किया हुआ ट्वीट
थोडक्यात उत्तर द्यावे …५० मार्क्स ;
Naughty नामर्द,
बिगड़े नवाब,
नन्हें पटोले …..
या जमाती एकत्रित कोठे पाहिल्या जाऊ शकतात ?रिक्त स्थानो की पूर्ति करो …५० मार्क्स !
_____शराब नही होती !
हरामख़ोर का मतलब _____है और
सुनने में आया है _____नामर्द है !#WakeUp #Confused— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) January 29, 2022
भाजपा नेताओं को भी पसंद नहीं
शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा है कि अमृता फडणवीस जिस तरह से बयान देती हैं वह भाजपा नेताओं को भी पसंद नहीं है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी होने की वजह से वे अपना मुंह बंद कर दर्द को सहन करते हैं। अमृता फडणवीस को वर्षा बंगला छोड़ना पड़ा है इस लिए वे परेशान हैं उसी निराशा की वजह से वह टिप्पणी करती रहती हैं। उनके बयानों की वजह से कई बार उनकी पार्टी को भी संकट का सामना करना पड़ता है।
फैसला किसानों के हित में
'किसको क्या बोलना है बोलने दीजिये। उस ट्वीट में कुछ और गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। मैं महिला के बारे में कुछ नहीं बोलना चाहता, लेकिन वाइन का फैसला किसानों के हित में लिया गया है।'
- नवाब मलिक, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री