Virar-Alibaug Corridor

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मुंबई: एमएमआर में अवागमन की समस्या से निजात दिलाने वाले विरार-अलीबाग बहुउद्देशीय राजमार्ग परियोजना का काम 2024 में  शुरू करने का फैसला महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (Maharashtra State Road Development Corporation) या है। उल्लेखनीय है कि अलीबाग (Alibaug) से विरार (Virar) तक 127 किमी मल्टी-मॉडल कॉरिडोर (Multi-Modal Corridor) की योजना एक दशक ही बनी थी। पहले यह प्रोजेक्ट एमएमआरडीए (MMRDA) करने वाला था, परन्तु अब इसे एमएसआरडीसी (MSRDC) के हवाले कर दिया गया है।

इस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम तेज कर दिया गया है। बताया गया कि एमएसआरडीसी मई तक भूमि अधिग्रहण पूरा करने की योजना बना रहा है। भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक धनराशि हुडको से ऋण के रूप में लेने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। मई के बाद इस रूट के काम के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

1,300 हेक्टेयर भूमि की जरूरत

एमएसआरडीसी के पास यह प्रोजेक्ट आने के बाद विस्तृत योजना बनाकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई। 128 किमी लंबी और 16 लेन वाली इस परियोजना के लिए 1,300 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण करना है। मल्टी मॉडल कॉरिडोर के लिए तीन जिलों रायगढ़, ठाणे और पालघर में भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें से पालघर में 61.29 हेक्टेयर, ठाणे में 520.92 हेक्टेयर, जबकि रायगढ़ में लगभग 765.01 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा।

भूमि अधिग्रहण की लागत 22 हजार करोड़ पहुंची

उल्लेखनीय है कि इस बहुउद्देश्यीय परियोजना के भूमि अधिग्रहण की लागत 22 हजार करोड़ पहुंच गई है, जो परियोजना की कुल लागत से चार गुना अधिक है। बताया गया कि 2012 में जमीन अधिग्रहण के लिए 2,215 करोड़ रुपए देने थे, जबकि उस समय कुल परियोजना लागत 12,554 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर  55,564 करोड़ रुपए हो गई है। एमएसआरडीसी के अनुसार, अकेले परियोजना की भूमि अधिग्रहण लागत 22,000 करोड़ रुपए पहुंच गई है। एमएसआरडीसी को यह फंड जुटाने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। एमएसआरडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फंड जुटा लिया गया हैं।

दो चरणों में होगा निर्माण काम

प्रस्तावित मल्टी-मोडल कॉरिडोर का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें एलाइनमेंट-1 के तहत नोघर को बालावली से जोड़ने वाला 98 किमी का हिस्सा और एलाइनमेंट-2 के तहत बालावली को अलीबाग से जोड़ने वाला 29 किमी का हिस्सा होगा। यह हाइवे शुरू होने पर विरार-अलीबाग के बीच की दूरी कम हो जाएगी, साथ ही क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा। यह परियोजना मुंबई महानगर क्षेत्र की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।