Tattoo

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    मुंबई: आरएके मार्ग पुलिस (RAK Marg Police )ने करीब 14 वर्षों से फरार एक 39 वर्षीय महिला को गिरफ्तार (Woman Arrested) करने के लिए पोस्टमैन और स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) के कर्मचारी (SRA Employees) का गेटअप बदला था। पुलिस को यह सफलता महिला के हाथ पर बने ‘ओम’ टैटू (Tattoo) की मदद से मिली है। आरोपी की पहचान मंजुला देवेंद्र के रूप में की गई है। इसके खिलाफ 2008 के दौरान शिवडी पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज था। हालांकि जमानत (Bail) मिलने के बाद से यह फरार थी।

    आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक महेश लामखेडे ने बताया कि मंजुला देवेंद्र, 2008 में शिवडी की एक एयर-कंडीशनर मैनुफ़ैक्चर कंपनी में बतौर अकाउंटेंट काम करती थी। इस पर आरोप है कि इसने कंपनी का एक ब्लैंक चेक चुरा लिया, बाद में उस चेक की मदद से इसने बैंक से 45 हजार रूपए नकद निकाला था। उस समय शिवडी पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया था और कुछ दिनों के बाद यह जमानत पर रिहा होते ही फरार हो गई। इसकी गिरफ्तारी के लिए हमने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कुमुद कदम और पुलिस निरीक्षक (क्राइम) लीलाधर पाटिल के मार्गदर्शन में जांच शुरू की। महिला तमिल है, हमने तमिल लोगों के रहने के विभिन्न स्थानों की पहचान की और जैसे सायन, एंटॉप हिल, नेहरू नगर और अमर महल जंक्शन के क्षेत्रों की जांच की, हमें कई मंजुला मिली, लेकिन उनमें से किसी के हाथ पर टैटू नहीं था जो की मंजुला की पहचान का निशान था। 

    पुलिस वाले बने एसआरए कर्मचारी

    एसआरए कर्मचारी बनकर चॉल में डोर-टू-डोर सर्वे करने का नाटक किया और उसका मोबाइल नंबर हासिल किया और पोस्टमैन बनकर घर के कागजात देने के बहाने जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया गया। 14 वर्ष पहले इसका नाम मंजुला देवेंद्र था और रिहा होने के बाद इसने अपना नाम बदलकर मंजू नायर रख लिया था और अपना आवासीय पता बदलती रही, जिसकी वजह से यह पुलिस की पकड़ से दूर थी।