मुंबई: एमटीएचएल (MTHL) से जुड़ने वाले वर्ली-शिवड़ी कनेक्टर (Worli-Shivdi Connector) का काम तेजी से चल रहा है। ईस्टर्न फ़्री से होते हुए मुंबई ट्रांस हार्बर (Mumbai Trans Harbor) और कोस्टल रोड (Coastal Road) को जोड़ने वाली यह एलिवेटेड कनेक्टर परियोजना लगभग 40 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है।
4.50 किलोमीटर लंबा ‘शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड कॉरिडोर’ के काम को लेकर लोगों की शिकायत भी सामने आ रही हैं। शिवड़ी में कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की वजह से आसपास की रिहायशी इमारतों और घरों में दरारें पड़ रही हैं। यह एलिवेटेड कॉरिडोर शिवड़ी नाका से होकर वर्ली को जोड़ रहा है। यहां लगी बड़ी-बड़ी मशीनों से आसपास रहिवासी परेशान हो रहे हैं। बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर रोड पर खुदाई का काम चल रहा है। शिवड़ी नाका के पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि रोड के काम की वजह से आसपास की इमारतों में दरारें पड़ रही हैं। यह दरारें पहले नहीं थी, लेकिन काम शुरू होने के बाद घर की दीवारों में क्रैक आ गया हैँ।
पुरानी इमारतों को खतरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ली शिवड़ी कनेक्टर के काम की वजह से पुरानी इमारतों को खतरा हैं। इन इमारतों में करीब 400 से 500 परिवार रहते हैं, यहां के एक घर के मालिक वीरेंद्र सिंह का कहना है कि जबसे शिवड़ी-वर्ली ब्रिज का काम शुरू हुआ है उसी समय से घर में दरारें पड़नी शुरू हुईं हैं।
घरों में दरारें पड़ने की बातों में कोई सच्चाई नहीं: एमएमआरडीए
वहीं, एनएमआरडीए का दावा है कि स्थानीय लोगों की शिकायत में तथ्य नहीं है। कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास के अनुसार, शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड प्रोजेक्ट के करण लोगों के घरों में दरारें पड़ने की बातों में कोई सच्चाई नहीं है। कुछ घरों में पड़ रही दरारें को लेकर शिकायत मिलने के बाद हमने विजेटीआई से बिल्डिंग में पड़ रही दरारों को लेकर जांच करने के लिए कहा था। विजेटीआई की जांच रिपोर्ट में कहीं पर भी इस बात का जिक्र नहीं है कि शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कारण घरों में दरारें पड़ रही हैं।
इमारतें 80 से 90 साल पुरानी
कमिश्नर ने कहा कि जिन बिल्डिंगों में दरारें देखने को मिल रही हैं, वे सभी बिल्डिंगें 80 से 90 साल पुरानी हैं। संभवत यह एक कारण हो सकता है कि बिल्डिंगों में दरारें दिखाई पड़ रही हैं। जहां एक तरफ एमएमआरडीए ने बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों की तरफ से किए गए दावे को खारिज किया है, वहीं स्थानीय लोग यह कह रहे हैं कि शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड रोड का काम शुरू होने के बाद ही घरों में, बिल्डिंग में दरारें बढ़ी हुई दिखाई दे रही हैं।
शिफ्ट करने की मांग
शिवड़ी के घरों और पुरानी बिल्डिंगों में दरारें बढ़ने पर शिफ्टिंग की मांग भी हो रही है। स्थानीय लोग संभावित दुर्घटना का कारण बताते हुए शिफ्टिंग की मांग सरकार से की हैं।
2024 तक पूरा करने का लक्ष्य
इसके पहले वर्ली-शिवडी कनेक्टर का काम काफी स्लो था। लगभग 4.5 किमी लंबी इस परियोजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वेस्ट मुंबई को ईस्ट मुंबई से जोड़ने वाले इस कनेक्टर की मांग 2013 से ही जाती रही। शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर के बाधितों को राहत देने का निर्देश देते हुए काम में गति लाने का निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया है।
300 परिवारों का पुनर्वास
इस प्रोजेक्ट में बाधित 300 परिवारों को पीएपी के तहत एमएमआरडीए ने घर की चाबी दी जा चुकी है। अन्य प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर योजना बनी है।
1,300 करोड़ रुपए की परियोजना
लगभग 1,300 करोड़ की लागत से बन रहे शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड रोड का काम जे. कुमार कंपनी को दिया गया है। वैसे 2013 के शुरुआत में इसकी लागत 575 करोड़ रुपए आंकी गई थी, परंतु धीरे-धीरे 1267 करोड़ रुपए के ऊपर पहुंच गई है। बताया गया कि देरी होने के साथ इसकी लागत और बढ़ेगी।
556 पेड़ों का ट्रांसप्लांट
निर्माणाधीन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक से वर्ली-शिवडी कनेक्टर से जुड़ने वाले इस कॉरिडोर के बीच में कुछ निर्माण और सैकडों पेड़ आ रहे हैं। उन पेड़ों को हटाने की परमिशन को लेकर काफी सजेशन और आब्जेक्शन हुए। कनेक्टर के बीच आने वाले 556 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किए जाने का निर्णय भी लिया गया। वर्ली-शिवडी कनेक्टर प्रोजेक्ट का भूमिपूजन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 21 फरवरी 2021 को किया था।