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    नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में रैगिंग प्रकरण में नया खुलासा हुआ है. पीड़ित छात्र ने अब तक मुख्य वार्डन को 2 बार पत्र लिखकर अपने साथ रैगिंग नहीं होने की बात कही है. साथ ही हॉस्टलों का दौरा करने के बाद एमबीबीएस के कुल 107 छात्रों ने किसी भी तरह की रैगिंग से इनकार किया. यही वजह है कि प्रशासन के सामने अब विचित्र स्थिति पैदा हो गई है.

    इस संबंध में हॉस्टलों के मुख्य वार्डन डॉ. समीर गोलावार ने बताया कि जिस छात्र का वीडियो में रैगिंग होता दिखाई दे रहा है उसने 2 बार लिखित में रैगिंग होने से इनकार किया है. घटना के पहले से ही हॉस्टलों की नियमित जांच और निरीक्षण किया जा रहा है. सरप्राइज राउंड भी लिया जा रहा है. साथ ही छात्रों से संवाद कर उनकी समस्याओं से अवगत होने का प्रयास भी किया जाता है.

    प्रशासन द्वारा रैगिंग को लेकर सख्ती से निपटा जाता है लेकिन अब शिकायत होने के बाद छात्र ही कह रहा है कि उसके साथ रैगिंग नहीं हुई तो प्रशासन के लिए भी दिक्कत वाली बात हो गई है. डॉ. गोलावार ने बताया कि मेडिकल के सभी हॉस्टलों का कायाकल्प किया गया है. एसी रीडिंग रूम तैयार किये गये हैं. सीसीटीवी भी लगाये गये हैं. कुछ जगह बंद पड़े सीसीटीवी को सुधारने का भी कार्य चल रहा है. मेस का नया फर्नीचर लगाया गया है. छात्रों को तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. छात्रों को अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए.