Mahavitaran
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नागपुर. घर में बच्चे के 10वीं परीक्षा के पेपर चल रहे हों और महावितरण के कर्मचारियों की टीम बकाया बिल के लिए कनेक्शन काटने पहुंच जाए. ग्राहक द्वारा शाम तक बकाया चुकाने की मिन्नत किए जाने पर भी सुनवाई न हो तो इसे क्या कहा जाए. गुणवंत झाड़े नामक ग्राहक ने कार्यकारी अभियंता बिनाकी सब-स्टेशन महावितरण को अपनी व्यथा बताते हुए लिखित पत्र दिया है.

उनका ग्राहक क्रमांक 410018840727 है जिन पर 7,440 रुपये बिल का बकाया है. उनका कहना है कि इसमें भी 6,072 रुपये तो ब्याज का ही है और मूल बिल की रकम 1,368 रुपये है. 23 मार्च को महावितरण शांतिनगर डिवीजन से बेबी नारंजे सहित 6 कर्मचारियों की टीम मीटर कनेक्शन काटने पहुंची. चूंकि झाड़े के बेटे की 10वीं बोर्ड की परीक्षा चल रही है, इसलिए उन्होंने बिजली न काटने और दोपहर 4 बजे तक का समय बिल जमा करने के लिए मांगा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और बिजली खंडित कर दी गई.

उसके बाद झाड़े ने 3,500 रुपये जमा किए और दोबारा कनेक्शन जोड़ने के लिए 236 रुपये अलग से जमा किए. तब कहीं जाकर बिजली वापस जोड़ी गई.

झाड़े ने कार्यकारी अभियंता को लिखे पत्र में महावितरण की टीम की असंवेदनशील कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि उनके जैसे ही अनेक ग्राहकों पर ऐसा अन्याय हो रहा है. उन्होंने अन्यायपूर्ण व्यवहार करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है.