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    नागपुर. मध्य रेल ने अपने 5,000 कोचों में 18,000 बायो-टॉयलेट लगाकर 100 प्रतिशत फिटमेंट हासिल किया है. यात्रियों के लिए स्टेशन परिसर में 5,155 जोड़ी स्टील/ प्लास्टिक डस्टबिन उपलब्ध कराए गए हैं. मध्य रेल के जीएम अनिल कुमार लाहोटी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि स्वच्छता को व्यवहार में लाने की जरूरत है. इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.

    स्वच्छता पखवाड़ा-2022 के तहत सीएसएमटी में ‘प्लास्टिक कचरे का उन्मूलन एवं प्लास्टिक कचरे को कम करने के नए तरीके’ विषय पर आयोजित सेमिनार में जीएम बोल रहे थे. संगोष्ठी में प्रोजेक्ट मुंबई के संस्थापक और सीईओ शिशिर जोशी, मुकुल जैन, मणिजीत सिंह, शिशिर दत्ता, एन.पी. सिंह, प्रतीक गोस्वामी एवं मध्य रेल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

    ‘प्रोजेक्ट मुंबई’ से मिलाया हाथ 

    प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मध्य रेल ने गैर सरकारी संगठन ‘प्रोजेक्ट मुंबई’ के साथ हाथ मिलाया है. जीएम ने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और रेलवे परिसर से प्लास्टिक कचरे को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं. स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान अधिकारियों ने 170 ट्रेनों का निरीक्षण किया. इसके अलावा 16 सितंबर से अब तक 1,394 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया. प्लास्टिक के दुष्प्रभाव एवं विकल्पों के बारे में जानकारी के लिए एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.