Nagpur ST Bus Stand
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    नागपुर. राज्य परिवहन निगम (रापनि) ने गुरुवार को करीब ढाई महीने बाद 63 बसें संचालित कीं. इनमें से 22 बसों की कमान निजी कंपनी के कर्मचारियों के हाथ रही. इसके साथ ही गुरुवार को 21 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया जिससे यह संख्या 176 पहुंच गई. वहीं 6 कर्मचारी काम पर वापस लौटे. इससे इनकी संख्या 122 पहुंच गई. अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. 

     इस कार्रवाई से कर्मचारी संगठन के कार्यकर्ताओं में हड़कंप की स्थिति है क्योंकि महामंडल की कार्रवाई के दबाव के कारण धीमी गति से ही सही लेकिन कर्मचारी नौकरी पर लौटने लगे हैं. अधिकारियों का दावा है कि अभी बड़ी संख्या में कर्मचारी काम पर लौटेंगे. इधर कर्मचारी नेता भी डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं. कर्मचारियों को राहत देने के लिए कहीं अनाज तो कहीं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. इसके बाद भी कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें परिवार के भविष्य की चिंता सताने लगी है. इसलिए वे अब नौकरी पर लौटने का मन बना चुके हैं. इन्हीं कर्मचारियों को रोकने के लिए कर्मचारी संघ रणनीति बना रहा है ताकि वह हड़ताल पर ज्यादा से ज्यादा समय तक टिका रहे.

    5,621 लोगों ने की यात्रा 

    रापनि द्वारा गुरुवार को चलाई गईं 63 बसों में करीब 5,621 यात्रियों ने यात्रा की. ये बसें गणेशपेठ- 31, इमामवाड़ा – 5, घाट रोड- 7, उमरेड- 3 सावनेर – 7 वर्धमाननगर- 6, रामटेक- 3, काटोल-1 आदि स्थानों के लिए चलाई गईं. इन बसों ने 158 फरियों में 16,780.8 किलोमीटर की यात्रा की. यह वे बसें हैं जो नागपुर के आसपास चलाई जा रही हैं. फिलहाल ग्रामीण इलाकों के लिए अभी बसें शुरू नहीं हुई हैं. अधिकारियों की मानें तो ये बसें जल्द ही शुरू होंगी क्योंकि यहीं से मंडल को सबसे ज्यादा कमाई होती है. घाटे को पूरा करने के लिए मंडल इस दिशा में भी काम करेगा.