नागपुर. भालदारपुरा-गंजीपेठ परिसर में बुधवार को तड़के भयानक हादसा हुआ. प्राचीन शिव मंदिर पर पेड़ गिरने से आसपास के 3 मकानों की दीवारें ढह गईं. खबर मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंचा. काफी मशक्कत के बाद मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया. इस हादसे में 6 माह की बच्ची सहित 5 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए, जबकि 6 लोगों को सकुशल बाहर निकाला गया. जख्मियों में बंटी मधुकर शेलके (30), सिमरन बंटी शेलके (25), उनकी 6 माह की बेटी मिष्टी शेलके, लक्ष्मी जगदीश तेलंगे (40) और जगदीश तेलंगे (45) का समावेश है.
मलबे के नीचे अनु जगदीश तेलंगे (14), सपना सागर (12), लेखिका सागर (18), तामलाल उर्फ गुड्डू सागर (48), पुष्पा सागर (38) और तनवी सागर (9) भी फंसे थे लेकिन उन्हें तुरंत ही बाहर निकाल लिया गया. उन्हें मामूली खरोंच आई और उपचार के बाद छुट्टी मिल गई. भालदारपुरा परिसर में पुराना शिव मंदिर है. बताया जाता है कि मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है और अब हालत खस्ता हो गई है. इस मंदिर से लगकर ही तेलंगे, सागर और शेलके परिवार का मकान है. लगातार मूसलाधार बारिश के चलते कई पेड़ जड़ से उखड़ रहे हैं.
बुधवार को तड़के 5 बजे के दौरान ऐसा ही हुआ. मंदिर की बगल का पेड़ अचानक धराशायी हो गया. मंदिर के हिस्सा ढह गया. उससे लगकर ही उपरोक्त 3 मकान हैं. इन तीनों मकानों की दीवारें भी ढह गईं और सो रहे लोगों पर मलबा गिर गया. घटना की जानकारी मिलते ही गंजीपेठ फायर स्टेशन से दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे. मदद के लिए कॉटन मार्केट स्टेशन से भी स्टाफ बुलाया गया. तेलंगे दंपती और उनकी बेटी मलबे के बीच में फंस गए थे. पीछे की मकान की दीवार तोड़कर उन्हें बाहर निकाला गया. बंटी, सिमरन और मिष्टी तो मलबे के नीचे दबे हुए थे. उन्हें गंभीर चोट भी लगी.
मलबा हटाकर उन्हें निकालने में राहत कार्य दल को काफी मशक्कत करनी पड़ी. सभी को उपचार के लिए अस्पताल रवाना किया गया. तहस-नहस हुई गृहस्थी इस हादसे में तीनों परिवारों की गृहस्थी तहस-नहस हो गई है. बताया जाता है कि बड़े-बड़े पत्थरों और चूने से इस मंदिर का निर्माण किया गया था. बाहरी हिस्सा तो ढह गया लेकिन मंदिर का गुंबज जस का तस था. मंदिर से लगा यह मकान सुभाष भगत नामक व्यक्ति का है. वह अपने परिवार के साथ बजाजनगर में रहते हैं.
पीड़ित परिवार उनके यहां किराये से रह रहे थे. पत्थरों से बने मंदिर का हिस्सा उनके मकानों पर गिरा. मकान भी काफी पुराने होने के कारण दीवारें ढह गईं. एक-एक पत्थर को हटाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पीड़ित परिवार रोज कमाने-खाने वाले हैं. हादसे में उनकी गृहस्थी उजड़ गई. फिलहाल पीड़ित परिवारों के रहने की व्यवस्था पास की मनपा स्कूल में की गई है. स्थानीय नागरिक उनकी मदद में जुटे हैं.