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प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. नंदनवन थाने में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश पी.वाई. लाड़ेकर ने 2 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 3 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई जबकि 2 पर आरोप सिद्ध नहीं होने के कारण बरी किया गया. गरोबा मैदान निवासी पीयूष दिवाकर किरपान (20) की शिकायत पर नंदनवन पुलिस ने नंदनवन झोपड़पट्टी निवासी अमन राजेश जीवने (25), अभिजीत उर्फ अभि रामा काले (26), आशीष रामपाल मेश्राम (22) और उमेश पुरण मरई (25) के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

13 जून 2016 की रात पीयूष नंदनवन हनुमान मंदिर के पास युवती के साथ खड़ा था. इसी दौरान अमन जीवने ने युवती पर अश्लील टिप्पणी की. पीयूष ने उसे समझाने का प्रयास किया तो अमन और उसके साथियों ने मारपीट शुरू कर दी. पीयूष का भाई प्रशांत बीच-बचाव करने गया तो आरोपियों ने तलवार, चाकू और ईंट से वार कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया. दोनों बुरी तरह जख्मी हो गए और उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस ने हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मनीष वाकड़े ने जांच कर आरोप पत्र दायर किया. सरकारी वकील दिपाली गणगणे आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुई. न्यायालय ने अमन और अभि को दोषी करार दिया जबकि आशीष और उमेश बरी हो गए. बतौर पैरवी अधिकारी सब इंस्पेक्टर संजय यादव, हेड कांस्टेबल प्रमोद यावले और अलका ढेंगरे ने अभियोजन पक्ष का सहयोग किया.