MLA Krishna Khopde

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    • खोपड़े ने कहा, महंगाई पर रोने वाली कांग्रेस अब चुप क्यों

    नागपुर. पिछले 2 वर्षों में ठाकरे सरकार ने कोई बड़ी परियोजना शुरू नहीं की है लेकिन गुंठेवारी अधिनियम के अनुसार नियमितीकरण शुल्क को 56 रुपये से 3 गुना बढ़ाकर 165 रुपये कर दिया गया है. शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने गुंठेवारी एक्ट की अवधि 2001 से बढ़ाकर 2020 कर दी है लेकिन शासन आदेश क्रमांक गुन्थेवा-1021/प्र.सं.48/2021/नवी-30, यह जीआर निकालकर राज्य सरकार ने डिमांड की राशि को 3 गुना बढ़ाकर लोगों की जेब से पैसे निकालकर अपनी तिजोरी भरने की तैयारी कर ली है.

    ऐन दिवाली की पूर्व संध्या पर, जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए कदम उठाए, तो लोग राज्य सरकार से भी कुछ रियायत की उम्मीद कर रहे थे लेकिन गुंठेवारी डिमांड की शुल्क बढ़ाकर राज्य सरकार ने कुठाराघात किया है. इस बारे में विधायक कृष्णा खोपड़े ने कहा कि लोगों को अपेक्षा थी कि अपने पसीने के पैसे में एक-एक रुपया जोड़कर नागरिकों ने लेआउट मालिकों से प्लॉट लिये, रजिस्ट्री करने के बाद एनआईटी की ओर से नियमितीकरण होगी.

    हालांकि जिस प्रकार राज्य सरकार ने शुल्क बढ़ाया है उससे लोगों के सामने प्रश्न निर्माण हो गया है कि इतना पैसा कहां से आयेगा. ठाकरे सरकार लोगों को दिलासा देने के बजाय लूटने का काम कर रही ही है. 

    कांग्रेस का तोता अब महंगाई की बात क्यों नहीं कर रहा है?

    नागपुर में कांग्रेस के मंत्री शहर की जनता पर थोपे गये 3 गुना शुल्क पर क्यों खामोश हैं? क्या एक आंख से महंगाई देखने वाले कांग्रेस के तोते की दूसरी आंख से अंधे हो गये हैं? पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की बात नहीं, एसटी हड़ताल की बात नहीं, निराश्रितों के अटके अनुदान की बात नहीं, तो क्या यह कुर्सी सिर्फ वसूली के लिए इन मंत्रियों को दी गई है?.

    पिछली अवधि में भी दर 120 रुपये प्रति वर्ग फुट थी जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इस पर संज्ञान लिया और इसे घटाकर 56 रुपये प्रति वर्ग फुट कर दिया. इसी तरह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस माले में संज्ञान लेना चाहिए और शुल्क वसूली पर नियमितीकरण का भी आदेश जारी कर जनता को दिलासा दें.