नागपुर. जिस प्रकार घर में गंभीर रूप से बीमार किसी व्यक्ति के इलाज के लिए परिवार वाले परेशान होते हैं उसकी देखभाल से इलाज मिलने तक संघर्ष करने वाले संतोष यादव का काम बहुत अलग है. संतोष 17 वर्षों से सरकारी योजनाओं के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद मरीजों को लाभ पहुंचा रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी वे मरीज की ओर से बात करके इलाज और सर्जरी का खर्चा कम करने की कोशिश करते हैं.
संतोष यादव अब तक नागपुर जिले और अन्य राज्यों के 1200 से अधिक रोगियों को उपचार प्रदान करने में सहायक रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खुद उनकी सेवा भावना से प्रभावित हुए और उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनकी पीठ पर हाथ रखा है. सिटी की एक प्राइवेट कम्पनी में मार्केटिंग करने वाले संतोष दशरथ यादव की इस पहल के लिए काफी प्रशंसा की जाती है. वे आम लोगों के लिए देवदूत बन गए हैं.
वह शुरुआत थी
नागपुर के पुराने पारडी चंद्रनगर इलाके में रहने वाले संतोष का सफर एक हादसा है. संतोष ने कहा कि उनका परिवार 2005 में सदमे में था जब उनके घर के पास एक छोटी सी बच्ची को हृदय रोग का पता चला. इलाज के लिए पैसे नहीं थे, मदद करने वाला कोई नहीं था. इस स्थिति को देखकर उन्होंने उसे सरकारी योजना का लाभ दिलाने की पहल की.
सरकारी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में दस्तावेज जमा करने के बाद 2 दिनों के भीतर बच्ची के इलाज और सर्जरी को मंजूरी दी गई. तब से वे यह काम कर रहे हैं. अब यह काम खुशी लाता है. लोगों को मदद मिलती है तो कुछ और लोग मदद के लिए आते हैं. उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं. इलाज के बाद मरीज और उनके परिजन ज्यादा खुश हैं, उन्हें इससे ज्यादा और क्या चाहिए?
नितिन गडकरी ने लिया संज्ञान
संतोष कई नेताओं के पास सरकारी योजना से लोगों इलाज कराने जा रहे थे. वे नितिन गडकरी के कार्यालय में अक्सर आते रहते थे इसलिए उनके बारे में पूछताछ की गई. उनके काम करने का तरीका जाना गया. यह मानते हुए कि उनका काम समुदाय के लाभ के लिए था, गडकरी ने संतोष को 2010 में क्वेटा कॉलोनी में नवरात्रि चिकित्सा अनुसंधान केंद्र में एक जगह दी. उन्होंने लोगों को यहां बैठकर इलाज कराने की सलाह दी. उस सलाह का आज भी पालन किया जाता है. वह लोगों को इसी जगह मिलते हैं.
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का इलाज
संतोष कहते हैं कि सरकार की अनेक योजनायें हैं. प्रधानमंत्री सहायता निधि, मुख्यमंत्री सहायता निधि, आयुष्मान भारत योजना, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अलावा नागरिकों ने अन्य योजनाओं का लाभ लेना चाहिए. इसी योजना के तहत 6 माह से 70 वर्ष तक के बच्चों को उपचार दिया गया है. हृदय, कैंसर, किडनी, मस्तिष्क, हर्निया, आंख, हिप रिप्लेसमेंट सहित कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. निजी हॉस्पिटलों में भी अनुरोध करने से सस्ते में इलाज मिलता है.
कोरोना काल में भी निर्बाध सहायता
2020 में कोरोना संकट के बावजूद संतोष अथक परिश्रम करते रहे. इस दौरान संक्रमित न होने पर जोर दिया गया. उस दौरान उन्होंने करीब 5 से 6 लोगों का इलाज करवाया. उन्होंने लगातार मरीजों के संपर्क में रहकर इस काम को अंजाम दिया.