Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

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    नागपुर. पूर्व ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने कहा कि कोरोना काल में और फिर भीषण गर्मी के दिनों में जब देश में बिजली की किल्लत हो गई तब उपाय योजना कर महाराष्ट्र ऊर्जा विभाग ने उत्कृष्ट कार्य किया. यही कारण है कि आज राज्य के ऊर्जा विभाग को देशभर में सर्वोत्कृष्ट होने का इनाम मिला है. यह जानकारी उन्होंने मीट द प्रेस में देते हुए कहा कि उक्त सम्मान हालांकि राज्य में सरकार के जाने और पदमुक्त होने के बाद मिला.

    उन्होंने बताया कि दाओस के विश्व व्यापार परिषद में राज्य के लिए अधिक से अधिक निवेश खींच लाने का काम किया और अकेले ऊर्जा विभाग में 50 हजार करोड़ का प्रकल्प आया. इसमें विदर्भ के 5,000 करोड़ के प्रकल्प का समावेश हैं. 30 हजार करोड़ का सामंजस्य करार हुआ. इससे 4,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. अदानी एनर्जी के साथ 60 हजार करोड़ का हरित ऊर्जा करार होने की जानकारी उन्होंने दी और कहा कि इसमें 30 हजार नये रोजगार मिलेंगे. साथ ही कहा कि बिजली निर्माण के लिए कोयला संकट के समय केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री से 10 हजार करोड़ की मांग की थी और 10.8 प्रतिशत ब्याज दर से कर्ज की तैयारी भी दिखाई लेकिन बैंकों ने कम दर पर कर्ज उपलब्ध कर दिया. केन्द्र ने तो निर्यात वाला कोयला उपयोग को बंधनकारक कर दिया.

    कार्य के लिए 6 महीने ही मिले

    राऊत ने कहा कि दो वर्ष तो कोरोना से लड़ने में ही निकल गए. प्रत्यक्ष रूप से विभाग के लिए काम करने हेतु 6 महीने ही मिले. पहले जिले को कोरोनामुक्त करने की जरूरत थी. राज्य में मुंबई के बाद नागपुर ही सबसे पहले कोरोनामुक्त हुआ जिसमें नागरिकों, अधिकारियों, डॉक्टरों, पुलिस सभी का सहयोग मिला. जिले के अस्पतालों को 180 करोड़ की निधि दी. 27 बिजली के प्रकल्प बढ़ाये. लोडशेडिंग की स्थिति को मात दी. राज्य के ऊर्जा विभाग को गुड गर्वनेन्स का पुरस्कार मिला. जिले के विकास को प्राथमिकता दी. स्मार्ट पुलिस स्टेशन बनाए गए. स्वास्थ्य सुविधा मजबूत करने के लिए 200 एम्बुलेंस दिया. पीएचसी की दशा सुधारी. कृषि बिजली नीति प्रस्तावित की है जिससे विदर्भ के किसानों को फायदा होगा. 

    शिवसेना में जो हुआ, ठीक नहीं

    राऊत ने सवालों के जवाब में कहा कि सरकार भले ही गिर गई हो लेकन महाविकास आघाड़ी कायम है. कांग्रेस-राकां काम नहीं करने देने के आरोप को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए शिवसेना के बागी ग्रुप से सवाल किया कि फिर ढाई वर्ष सरकार में कैसे रहे. उन्होंने कहा कि शिवसेना में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. नई शिंदे सरकार कब तक चलेगी इस सवाल का जवाब देने से उन्होंने इनकार कर दिया.