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    नागपुर. सम्पत्ति विवाद को सुलझाने के लिए रिश्वत मांगते हुए कांस्टेबल को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. मामले में चली सुनवाई के बाद गत समय अदालत ने पुलिस कांस्टेबल रामनाथ चौधरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद रामनाथ ने जमानत के लिए जिला सत्र न्यायालय में अर्जी दायर की. अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने  कड़ा विरोध किया. बचाव पक्ष का मानना था कि जब अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेजने का कोर्ट ने आदेश दिया था तब उसका सरकारी पक्ष की ओर से विरोध नहीं किया गया था, इसलिए अब विरोध का कोई औचित्य नहीं है. सुनवाई के बाद न्यायाधीश एमएस आजमी ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए. पुलिस कांस्टेबल की ओर से अधि. प्रकाश नायडू, होमेश चौहान, मितेश बैस, सुरभि गोडबोले ने पैरवी की.

    डेवलपर से मांगी थी रिश्वत

    अभियोजन पक्ष के अनुसार श्रीलैंड डेवलपर्स और एसबी हाउसिंग एजेंसी के प्लॉट ओनर के बीच सम्पत्ति का विवाद था. डेवलपर्स की ओर से शिकायत करने वाले किशोर भुमबार का मानना था कि जो जमीन उनकी है, उस पर हाउसिंग एजेंसी द्वारा धोखाधड़ी कर लोगों को प्लॉट बेचे जा रहे हैं. जिन लोगों को प्लॉट बेचा गया, वे प्लॉट ओनर अब डेवलपर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करा रहे हैं. मामले की शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच वाठोडा थाने में तैनात कांस्टेबल रामनाथ चौधरी को सौंपी गई. जांच के दौरान रामनाथ ने डेवलपर्स के अधिकारियों को 3-4 बार समन जारी कर बुलाया लेकिन उनके बयान दर्ज नहीं किए. साथ ही मामला सुलझाने के लिए 1 लाख रु. की रिश्वत मांगी. इसकी खिलाफ शिकायत मिलते ही जाल बिछाया गया. उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.

    कांस्टेबल के संवाद में 2 अधिकारियों के नाम

    जमानत का प्रखर विरोध करते हुए सरकारी पक्ष का मानना था कि शिकायतकर्ता और कांस्टेबल के साथ हुए संवाद को रिकॉर्ड किया गया था जिसमें कांस्टेबल ने 2 अधिकारी और एक महिला का नाम लिया था. जांच एजेंसी इस संदर्भ में सघन जांच करना चाहती है जिसके लिए अभियुक्त को जमानत नहीं देने का अनुरोध अदालत से किया गया. बचाव पक्ष का मानना था कि मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. कार्रवाई से पहले और बाद का पंचनामा हो चुका है. यहां तक कि अभियुक्त के वाइस सैंपल भी ले लिए गए. केवल चार्जशीट दायर करने के लिए संबंधित अधिकारी से मंजूरी प्राप्त करना बचा है. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.