Nagpur High Court
File Photo

    Loading

    नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में पीजीडीटी के प्रभारी अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी अस्वीकार करने पर उपकुलपति ने राजनीतिशास्त्र विभाग प्रमुख मोहन काशीकर को नोटिस जारी किया. इस संदर्भ में दायर याचिका पर हाई कोर्ट की ओर से आदेश तो जारी किए गए किंतु अब पुन: वीसी द्वारा पद का दुरुपयोग कर चार्जशीट दिए जाने को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

    अब मुंबई की होमी भाभा स्टेट यूनिवर्सिटी में उपकुलपति के पद के लिए शार्टलिस्ट किए जाने का हवाला देते हुए इसके लिए आरटीएम नागपुर यूनिवर्सिटी द्वारा एनओसी नहीं दी जा रही है. अत: इस संदर्भ में आरटीएम नागपुर विवि के वीसी को आदेश देने का अनुरोध करते हुए अर्जी दायर की गई. अर्जी पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश जीए सानप ने मांगे गए फॉर्मेट में प्रमाणपत्र और एनओसी देने आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. फिरदौस मिर्जा ने पैरवी की.

    याचिका लंबित होने की जानकारी उजागर करें

    अदालत ने याचिकाकर्ता को एनओसी देने के आदेश आरटीएम नागपुर विवि के वीसी को तो दिए लेकिन इसमें याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका लंबित होने की जानकारी भी दर्ज करने के आदेश वीसी को दिए. अदालत ने 23 जून को ही इस तरह का प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश भी दिए. गत सुनवाई के दौरान अधि. मिर्जा ने कहा कि 1 अक्टूबर 2007 को राजनीतिशास्त्र विभाग में याचिकाकर्ता को प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था. एचओडी के रूप में सफलता से कार्यकाल पूरा करने के कारण 29 जुलाई 2016 को पुन: 5 वर्ष के लिए एचओडी की जिम्मेदारी सौंपी गई. 20 अक्टूबर 2020 और 26 अक्टूबर 2020 को मुंबई की डॉ. होमी भाभा स्टेट यूनिवर्सिटी के वीसी पद की योग्यता पूरी करने वालों की सूची में शामिल किया गया. 

    इतिहास के प्रोफेसर को बनाया राजनीतिशास्त्र का HOD

    • अधि. मिर्जा ने कहा कि इनकार करने पर याचिकाकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. सेवा की किस शर्तों का उल्लंघन किया गया, इसका उल्लेख नहीं होने से याचिकाकर्ता ने रजिस्ट्रार से विस्तृत आदेश मांगा. 
    • 11 जनवरी 2021 को याचिकाकर्ता ने विस्तार से जवाब पेश किया. लेकिन 5 मई 2021 को वीसी के आदेशों से उनके खिलाफ 2 पेनाल्टी लगाए जाने का पत्र रजिस्ट्रार द्वारा दिया गया. इसे चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर हाई कोर्ट ने आदेश दिए. 
    • 6 जुलाई 2021 को वीसी कार्यालय से पत्र दिया गया जिसमें आदेश में सुधार किए जाने की जानकारी दी गई. लेकिन सुधारित आदेश नहीं दिया गया. इसके विपरीत 26 जुलाई को वीसी द्वारा कई बार अनुपस्थित रहने का हवाला देकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. अटेंडेंस रजिस्टर के साथ इसका जवाब दिया गया. 
    • वीसी की ज्यादती जारी रही. 31 जुलाई को इतिहास विभाग के प्रोफेसर को राजनीतिशास्त्र विभाग का एचओडी बनाया. 3 अगस्त 2021 को पुन: पद का दुरुपयोग कर 4 आरोप लगाकर चार्जशीट दी गई.