
नागपुर. हर क्षेत्र में फैली महंगाई अब भक्तों की आस्था पर भी हावी होते जा रही है. कई तरह की पूजन सामग्री के साथ अभी अगरबत्ती लगाना भी महंगी पड़ने लगी है. लोकल से लेकर ब्रांडेड अगरबत्ती के दाम में 10 से 15 प्रश का इजाफा हो गया है. वहीं धूप अगरबत्ती भी महंगी मिल रही है. 25 रुपये पाव वाली अगरबत्ती 30 से 35 रुपये व 30 रुपये वाली अगरबत्ती सीधे 40 रुपये पाव पर पहुंच गई है. इसी तरह अन्य ब्रांडेड अगरबत्ती की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है लेकिन यहां यह भी देखा जा रहा है कि कोरोना काल में अगरबत्ती की डिमांड 25 से 30 प्रश अधिक बढ़ गई थी, वह अभी घट गई है.
केमिकल व डिपिंग ऑयल की बढ़ीं कीमतें
अगरबत्ती व्यापारी विनय ठाकरे ने बताया कि अगरबत्ती में उपयोग होने वाले केमिकल में पहले 5 प्रश जीएसटी लगता था जो कि अभी बढ़कर 12 प्रश पर पहुंच गया है. इसी तरह डिपिंग ऑयल की कीमत पहले 140 रुपये प्रति लीटर थी जो कि अभी बढ़कर 200 रुपये लीटर पर पहुंच गई. इन दोनों के तरह ही अगरबत्ती में उपयोग होने वाले हर तरह के रॉ मटेरियल में बढ़ोतरी होने से अगरबत्ती के दाम में बढ़ोतरी हुई है.
वहीं अगरबत्ती को बनाने के लिए उपयोग होने वाली गोल लकड़ी काफी मात्रा में वियतनाम से आती है जो कि काफी महंगी साबित होती है. इन कारणों से आज अगरबत्ती खरीदने के लिए भी लोगों को कुछ ज्यादा ही जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं. इसी तरह धूप अगरबत्ती में किसी के भाव 30 रुपये पाव तो कुछ 35 से 40 रुपये पाव बताये जा रहे हैं.
30 वाली अष्टगंधा 35 रुपये पर पहुंची
भगवान को लगाने वाला अष्टगंधा की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है जो अष्टगंधा की छोटी डिब्बी 30 रुपये में मिलती थी, वह अभी 35 रुपये की हो गई है. वहीं कर्पूर की बात करें तो इसकी कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है. कोरोना काल में जो कर्पूर 1,200 से 1,600 रुपये प्रति किलो तक बिका था, वह अभी 950 से 1,000 रुपये प्रति किलो पर चल रहा है.