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    कॉलेज का पता ढूंढते रह गये अधिकारी 

    – विवि की परीक्षा में फिर गड़बड़ी उजागर 

    – होम सेंटर में नहीं, दूसरी जगह ली जा रही थी एग्जाम 

    नागपुर, महानगर संवाददाता. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विवि द्वारा ग्रीष्म सत्र परीक्षाएं होम सेंटर पर ली जा रही है लेकिन सिटी में एक कॉलेज द्वारा किसी अन्य कॉलेज में परीक्षा लेने का मामला सामने आया. विवि के परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक प्रफुल्ल साबले जब खामला स्थित श्रीराधे महाविद्यालय की जांच के लिए पहुंचे तो सच्चाई सामने आई. फिलहाल साबले ने कॉलेज के परीक्षा केंद्र की मान्यता रद्द कर दी है. छात्रों की परीक्षा के लिए करीब के ही एक कॉलेज में सेंटर दिया गया है. दरअसल साबले बुधवार की सुबह खामला के श्रीराधे महाविद्यालय केंद्र की जांच करने के लिए गये. करीब आधा घंटे तक परिसर में घूमने के बाद भी उन्हें कॉलेज का पता नहीं मिला. बाद में महाविद्यालय के लिपिक से संपर्क किया. लिपिक ने उन्हें खामला के ही जूपिटर कनिष्ठ महाविद्यालय के पास आने के लिए कहा. साबले अपने एक अधिकारी के साथ वहां पहुंच गये लेकिन करीब आधा घंटा बाद लिपिक आया.

     

    किराये से लिए कुछ कमरे 

    बाद में लिपिक ने कॉलेज का वह कमरा खोला, जहां से ऑनलाइन पेपर डाउनलोड किया जाता है और उसकी झेराक्स कर छात्रों को दी जाती है. इस बीच एक महिला पर्यवेक्षक भी वहां होने की जानकारी मिली. छात्रों के बारे में पूछने पर लिपिक ने बताया कि पीछे वाले हिस्से में परीक्षा चल रही है. साबले ने जमकर फटकार लगाई. कॉलेज का होम सेंटर रद्द कर अब संताजी कॉलेज में दिया गया है. बताया गया कि यह नाइट कॉलेज है. यहां साइंस, कॉमर्स और आर्ट फैकल्टी संचालित होती है लेकिन वेबसाइट में कॉलेज का पता मिलिंद नगर, खामला दर्शाया गया है. कॉलेज ने जूपिटर कनिष्ठ महाविद्यालय की इमारत के कुछ कमरे किराये पर लिये हैं. 

     

     LEC के निरीक्षण पर सवाल 

    किसी कॉलेज को संलग्निकरण देने के लिए विवि द्वारा स्थानीय जांच समिति (एलईसी) निरीक्षण करने जाती है. समिति सभी मापदंडों की जांच कर विवि को रिपोर्ट सौंपती है. इसके बाद ही विवि द्वारा महाविद्यालय शुरू करने के लिए संलग्नता दी जाती है. अब जब कॉलेज किराये की इमारत में चल रहा है तो फिर साइंस फैकल्टी के लिए सुविधाएं होना आवश्यक है. बताया जाता है कि जूपिटर कनिष्ठ महाविद्यालय शाम 4-5 तक चलता है. साथ ही कनिष्ठ महाविद्यालय को सैलेरी और नॉन सैलेरी ग्रांट भी मिलती है. इस हालत में किराये से कैसे दिया जा सकता है. इस मामले के उजागर होने के बाद विवि की परीक्षा में चल रही गड़बड़ी का खुलासा हो गया है.