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    • 2 रुपये प्रतिकिलो की बढ़ोतरी सभी में

    नागपुर. नॉन ब्रांडेड उत्पादों में गेहूं, चावल, दाल सहित अन्य चीजों पर 18 जुलाई से 5 प्रश जीएसटी लगेगी. इस घोषणा के लागू होने से पहले ही आटा, सूजी और मैदा के बढ़े भाव के कारण महंगाई से जूझ रहे लोगों को जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं. जीएसटी लगने के बाद तो इन उत्पादों की कीमतों में अंगार लग जायेगी. पिछले 3 दिनों में आटा प्रति 50 किलो में जहां 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है वहीं किलो में यह 2 रुपये महंगा हो गया है. इसी तरह सूजी और मैदे के भाव में भी 2 रुपये प्रतिकिलो की तेजी आई है.

    खराब होती जा रही हालत

    व्यापारियों के अनुसार 3 दिन पहले तक जो आटा 1200 से 1250 रुपये प्रति 50 किलो आ रहा था वह अब 50 रुपये बढ़कर 1300 से 1350 रुपये पर पहुंच गया है. इसी तरह सूजी 1430 से 1480 और मैदा 1320 से 1370 रुपये प्रति 50 किलो पर पहुंच गया है. इस समय थोक मार्केट में आटा 26 से 27 रुपये प्रतिकिलो और चिल्लर में 29 से 30 रुपये प्रतिकिलो पर पहुंच गया है.

    सूजी थोक में 28.60 से 29.60 रुपये प्रतिकिलो और चिल्लर में 32 से 35 रुपये प्रतिकिलो क्वालिटी अनुसार बतायी जा रही है. 23 से 24 रुपये प्रतिकिलो चलने वाला मैदा भी थोक 26.40 से 27.40 रुपये पर पहुंच गया. चिल्लर में इसके 29 से 30 रुपये प्रतिकिलो भाव बताये जा रहे हैं. आए दिन महंगाई बढ़ने से व्यापारियों के साथ ही आम लोगों की हालत खराब होती जा रही है. इसी तरह पैकेट बंद आटा, मैदा और सूजी के भाव में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है.

    ठंड तक और बढ़ेगा गेहूं का दाम

    व्यापारियों के अनुसार गेहूं का दाम ठंड तक और अधिक बढ़ने की आशंका है. रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर गेहूं खरीद पर जबरदस्त पड़ा है. ज्यादातर गेहूं निजी कम्पनियों ने बाहरी देशों को निर्यात कर दिया. अभी किसान के पास अपना गेहूं है लेकिन जब यह खत्म होगा तो नि:शुल्क राशन पर निर्भर 60 प्रतिशत लोग बाजार से इसे खरीदेंगे तो अक्टूबर-नवम्बर तक दाम बढ़ेंगे.