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    नागपुर. जिलाधिकारी विमला आर. ने कहा कि तीसरी लहर में कोरोना से जो मौतें हुई हैं उनमें  90 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोविड वैक्सीन नहीं ली थी. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि अपनी जान को खतरे में न डालें और वैक्सीन जरूर लगाएं क्योंकि इस महामारी से बचने का मुख्य हथियार वैक्सीन ही है. प्रेस-परिषद में उन्होंने कहा कि कोरोना आतंकवादी की तरह है, उसे अपनी सीमा के भीतर घुसने न दें. प्रयत्न यह करें कि अगर वह आ भी गया तो उसके खिलाफ संघर्ष कर पराजित करें. वैक्सीनेशन सबसे असरकारी शस्त्र है.

    वैक्सीनेशन के कारण ही कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी गंभीर रोगियों की संख्या बहुत कम थी. इसलिए ही शासन ने वैक्सीनेशन पर जोर दिया है. ग्रामीण भागों में लोगों को खोजकर वैक्सीन लगाने के लिए यंत्रणा से अपील की है. अनेक लोगों ने पहला डोज लेने के बाद दूसरा डोज नहीं लिया है. ऐसे नागरिकों को कोरोना होने पर हार्ट व अन्य अंगों में दुष्परिणाम हो सकता है. उन्होंने अपील की कि दूसरा डोज भी जरूर लगवाएं. इस अवसर पर सीईओ योगेश कुंभेजकर उपस्थित थे. 

    5 लाख ने नहीं लगाया दूसरा डोज

    जिले में वैक्सीनेशन को अच्छा प्रतिसाद मिला. 98.58 प्रतिशत नागरिकों ने पहला डोज लिया लेकिन दूसरा डोज लेने वालों का प्रतिशत 68.31 प्रतिशत ही है. जिले में 5 लाख नागरिकों ने दूसरा डोज नहीं लिया है. 3 लाख ग्रामीण में और 2 लाख लोग शहर के हैं. उन्होंने बताया कि कुछ नागरिकों ने दोनों डोज लेते समय अलग-अलग मोबाइल नंबर दिया. किसी ने पहला डोज लेते समय आधार कार्ड तो दूसरा डोज लेते समय पेनकार्ड का उपयोग किया. इस तकनीकी कारण से वैक्सीनेशन के आंकड़ों में अंतर भी आ रहा है. 

    एक माह में 135 मौत

    दिसंबर में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई थी लेकिन जनवरी में 135 की मौत हुई. जिले में मरने वालों का आंकड़ा 10,258 हो गया है. ग्रामीण भागों में करीब 5 फीसदी नागरिकों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है. सरपंच, आशावर्कर व स्थानीय यंत्रणा के माध्यम से ऐसे लोगों को खोजा जा रहा है. 100 फीसदी वैक्सीनेशन का टारगेट प्रशासन को पूरा है जिसमें नागरिकों से सहयोग की अपील उन्होंने की.